एडुकॉम्प सॉल्युशंस दिल्ली या राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के जरिये उच्च शिक्षा क्षेत्र में दस्तक देने की योजना बना रही है।
कंपनी इसके लिए दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के पास 25 से 50 एकड़ के बीच जमीन खरीदने की संभावना तलाश रही है। विश्लेषकों का कहना है कि इस निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए लगभग 500 करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत पड़ेगी।
भारत का उच्च शिक्षा क्षेत्र मौजूदा समय में लगभग 100,000 करोड़ रुपये का है और तीन से पांच साल के दौरान इसके बढ़ कर तीन गुना हो जाने की संभावना है।
इस उद्योग के जानकारों का कहना है कि तेज आर्थिक विकास की वजह से प्रशिक्षित लोगों की मांग में इजाफा हुआ है।
एडुकॉम्प एचसीएल के संस्थापक और चेयरमैन शिव नाडर के आदर्श का अनुसरण कर रही है जिन्होंने हाल ही में 300 करोड़ रुपये की लागत से मल्टी-डिसिप्लिनरी यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए नई दिल्ली के पास नोएडा में 300 एकड़ भूमि की तलाश के जरिये विश्वविद्यालयीय शिक्षा में एक बार फिर दस्तक देने की घोषणा की।
एडुकॉम्प सॉल्युशंस के अध्यक्ष (उच्च शिक्षा) रोहित कुमार ने ‘फिक्की हाइयर एजूकेशन समिट-हाइयर एजूकेशन एट द क्रॉसरोड्स: इम्परेटिव्स फॉर पॉलिसी ऐंड प्रैक्टिस’ के दौरान अनौपचारिक रूप से कहा, ‘एक निजी विश्वविद्यालय की स्थापना करना हमारा पुराना सपना रहा है।
हमने फैशन डिजाइनिंग, इंटीरियर डिजाइनिंग और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में प्रमाणपत्र पाठयक्रम शुरू करने की योजना बनाई है। विश्वविद्यालय अगले दो साल में पूरी तरह चालू हो जाएगा।’
कुमार ने कहा, ‘हमें विश्वास है कि हम भारत में उच्च पेशेवर शिक्षा में मददगार भूमिका निभा सकते हैं और उच्च शिक्षा के लिए कॉरपोरेट पेशेवर संस्कृति को बढ़ावा दे सकते हैं।’ एडुकॉम्प सॉल्युशंस शिक्षा क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित कंपनी की हैसियत हासिल कर चुकी है।
कंपनी पूरे विश्व में 19,000 स्कूलों, 94 लाख छात्रों और शिक्षकों को अपनी सेवाएं मुहैया करा रही है।
कंपनी 2 से 5 साल के छात्रों की स्कूल-पूर्व जरूरतों को पूरा करने के लिए प्री-स्कूल चेन ‘रूट्स टु विंग्स’ चलाती है। यह प्री-स्कूल शृंखला यूरोकिड्स में भी 50 फीसदी का मालिकाना अधिकार रखती है।
के-12 (किंडरगार्टन से लेकर कक्षा 12 तक के छात्र) शिक्षा क्षेत्र की यह प्रमुख कंपनी मिलेनियम स्कूल्स भी चलाती है। इसके के-12 स्कूल बेंगलुरु, चेन्नई, नोएडा और मोहाली में पहले से ही चल रहे हैं।
कंपनी ने पूरे भारत में स्कूलों के निर्माण के लिए 60 वर्षीय लीज के आधार पर भूमि एवं बुनियादी ढांचे के लिए हाल ही में अंसल एपीआई और उसकी सहयोगी कंपनी केटीआईएल के साथ एक करार किया है।