प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज जी20 सचिवालय स्थापित करने को मंजूरी दे दी। सचिवालय पर सभी नीतिगत फैसलों को लागू करने की जिम्मेदारी होगी।
जी-20 विश्व की 20 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का अहम मंच है, जो अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग में अहम भूमिका निभाता है। भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक जी20 समूह की पहली बार अध्यक्षता करने जा रहा है। भारत 1999 में यह समूह बनने के समय से ही इसका सदस्य है। मंत्रिमंडल की बैठक में एक जी20 सचिवालय और उसका रिपोर्टिंग ढांचा स्थापित करने को मंजूरी प्रदान की गई, जो जी20 की भारत की आगामी अध्यक्षता को लेकर संपूर्ण नीतिगत निर्णयों एवं व्यवस्थाओं को लागू करने के लिए जवाबदेह होगा।
एक बयान में कहा गया है कि चलन के अनुसार जी20 सचिवालय की स्थापना इस समूह की भारत की अध्यक्षता के संबंध में जानकारी, सामग्री, तकनीकी, मीडिया, सुरक्षा एवं आवाजाही से जुड़े कार्याे की देखरेख के लिए की जा रही है।
बयान के मुताबिक सचिवालय में विदेश मंत्रालय, वित्त्त मंत्रालय व अन्य संबंधित मंत्त्रालयों और विभागों के अधिकारी व कर्मचारी शामिल होंगे, जो संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ होंगे। यह सचिवालय फरवरी 2024 तक काम करेगा।
इस सचिवाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति निर्देशित करेगी, जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री अमित शाह विदेश मंत्री एस जयशंकर और जी-20 के शेरपा पीयूष गोयल शामिल होंगे। इसके अलावा एक समन्वय समिति का भी गठन किया जाएगा।