विशेष स्वच्छता अभियान के तहत दूसरे चरण में सरकार ने 900 पुराने नियम खत्म कर दिए हैं और 3 लाख से ज्यादा शिकायतों का समाधान किया है। प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) सचिव वी श्रीनिवास ने यह जानकारी दी।
श्रीनिवास ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘इस अभियान से न सिर्फ 3,05,268 सार्वजनिक शिकायतों का निपटान हुआ है और 900 पुराने कानून हटाए गए हैं, बल्कि विशेष स्वच्छा अभियान-2 के तहत पेपर और इलेक्ट्रॉनिक कचरे को निपटाने से 254.21 करोड़ रुपये राजस्व सृजन भी हुआ है।’ 2021 में इस अभियान के पहले चरण में 62 करोड़ रुपये से ज्यादा राजस्व सृजन हुआ और 800 पुराने नियमों को खत्म किया गया था।
विशेष अभियान 2.0 कचरे, इलेक्ट्रॉनिक कचरे, पुरानी फाइलों और दस्तावेजों को हटाने के लिए 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक चलाया गया था। संवाददाताओं से बातचीत करते हुए 25 अक्टूबर को कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि चल रहा अभियान न सिर्फ राष्ट्रीय राजधानी में, बल्कि विभिन्न राज्यों के दूरस्थ कार्यालयों, विदेश मिशन, पोस्टल विभाग, रेलवे, रक्षा, औषधि, कृषि और यहा तक कि राजभवनों में भी चल रहा है।
सिंह ने कहा था कि इस अभियान में इलेक्ट्रॉनिक कचरे को हटाना और पुरानी ऑनलाइन फाइलों की सफाई शामिल है। अब तक 42 लाख भौतिक फाइलें और 4 लाख ई-फाइलें हटाई जा चुकी हैं। श्रीनिवास ने कहा कि ई-फाइलों को बंद करने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि वे क्लाउड स्पेस घेरे हुए थीं। इस कवायद से 91,000 कार्यालयों में 37.19 लाख वर्गफुट जगह खाली हुई है।
सरकार की रिकॉर्ड प्रबंधन नीति के दिशानिर्देशों के मुताबिक इन फाइलों को हटाया गया है। सिर्फ उन फाइलों को हटाया गया है, जिनकी अवधि खत्म हो गई थी। जिन फाइलों का राष्ट्रीय ऐतिहासिक महत्त्व है और उनके 25 साल पूरे हो चुके हैं,उन्हें नैशनल आर्काइव आफ इंडिया को सौंप दिया गया है।
