नई बिजली सुधार योजना को मंत्रिमंडल की मंजूरी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 3:08 AM IST

केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने भारत के बिजली वितरण क्षेत्र के पुनरुद्धार की नई योजना को मंजूरी दे दी। यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के सुधार की दूसरी योजना है, जो महत्त्वाकांक्षी उदय योजना की अवधि समाप्त होने के एक साल बाद लाई गई है।
इस योजना के तहत वित्त वर्ष 26 तक 5 साल के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसमें सकल बजट समर्थन 97,631 करोड़ रुपये होगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल फरवरी में बजट पेश करते हुए योजना की घोषणा की थी। उदय योजना के तहत तय किए गए ज्यादातर लक्ष्य, जो 2020 तक पूरे किए जाने थे, इन्हें पूरा करने के लिए 5 साल और वक्त रखा गया है।
एटीऐंडसी हानि (अकुशल बिजली व्यवस्था के कारण परिचालन हानि) घटाकर 15 प्रतिशत लाने, लागत राजस्व अंतर घटाकर शून्य करने और 2024-25 तक डिस्कॉम की सेवाओं में सुधार का लक्ष्य तय किया गया है।
बिजली मंत्रालय ने एक बयान में आज कहा कि ‘सुधार आधारित और परिणाम से जुड़े, पुनरुत्थान वाले वितरण क्षेत्र की योजना’ में सभी डिस्कॉम व बिजली विभागों (निजी क्षेत्र के डिसल्कॉम को छोड़कर) परिचालन संबंधी कुशलता, वित्तीय सततता में सुधार पर बल दिया गया है। इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए डिस्कॉम को सशर्त वित्तीय सहायता मुहैया कराई जाएगी, जिससे कि आपूर्ति संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार हो सके। इस योजना के लिए 3,03,758 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसमें सकल बजट समर्थन 77,631 करोड़ रुपये रहेगा। बिजली क्षेत्र की अन्य सभी सुधार योजनाएं डीडीयूजीजेवाई, आईपीडीएस, पीएम-कुसुम इस योजना में शामिल कर ली जाएंगी। इस योजना में बिजली क्षेत्र के सभी सुधारों का सामूहिक लक्ष्य होगा, जिसमें कृषि फीडरों को सौर ऊर्जा से किया जाना, स्मार्ट और प्रीपेड मीटर, राज्य स्तर के पारेषण व वितरण संबंधी बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण शामिल है।
स्मार्ट मीटरिंग का काम सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी के माध्यम से किया जाएगा। बिजली मंत्रालय ने कहा कि इस योजना के दौरान 25 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।  इस योजना के तहत पहले चरण में दिसंबर 2023 तक 10 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का भी लक्ष्य है। मंत्रिमंडल के फैसले के बारे में बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि एक बार कृषि फीडर को अलग किए जाने के बाद किसानों को प्रभावी तरीके से सौर ऊर्जा से संचालित सिंचाई व्यवस्था के तहत मुफ्त बिजली मिलने लगेगी। उन्होंने कहा, ‘अगर वितरण कंपनियां 4-5 साल में कृषि फीडरों को सौर बिजली से संचालित कर देती हैं तो कृषि सब्सिडी रुक जाएगी। दिन में किसाानों को मुफ्त बिजली मिलेगी और डिस्कॉम बिजली की उस राशि को अन्य ग्राहकों पर खर्च कर सकेंगी।’ उन्होंने कहा कि डिस्कॉम को उनकी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए धन दिया जाएगा।

First Published : July 1, 2021 | 12:32 AM IST