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भारत, रूस समेत ब्रिक्स देशों को ट्रंप की चेतावनी: डॉलर को चुनौती दी तो लगेगा 100% टैरिफ!

ट्रंप ने चेतावनी दी, "जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा, वह अमेरिका को अलविदा कहने के लिए तैयार रहे।"

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एजेंसियां   
Last Updated- December 01, 2024 | 11:45 AM IST

नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को चेतावनी दी कि अगर कुछ देश अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने के लिए कदम उठाते हैं, तो वे उन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगा सकते हैं। यह धमकी उन्होंने ब्रिक्स समूह के नौ देशों के खिलाफ दी है, जिसमें ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। इस समूह में तुर्की, अज़रबैजान और मलेशिया भी सदस्यता के लिए आवेदन कर चुके हैं, जबकि कई अन्य देश भी इसमें शामिल होने की रुचि दिखा रहे हैं।

डॉलर पर अमेरिका की पकड़ और चुनौती

अमेरिकी डॉलर फिलहाल दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली मुद्रा है और यह वैश्विक व्यापार में प्रमुख भूमिका निभाता है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर की हिस्सेदारी लगभग 58 प्रतिशत है। तेल जैसे प्रमुख कमोडिटी भी मुख्य रूप से डॉलर में खरीदी और बेची जाती हैं।

हालांकि, ब्रिक्स देशों का GDP लगातार बढ़ रहा है और यह समूह गैर-डॉलर मुद्राओं में व्यापार करने की योजना बना रहा है, जिसे डॉलरकरण को खत्म करना (de-dollarisation) कहा जाता है। इससे डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती मिल सकती है।

अमेरिका का विरोध क्यों?

ब्रिक्स और अन्य विकासशील देशों का कहना है कि वे वैश्विक वित्तीय प्रणाली पर अमेरिका के प्रभाव से परेशान हैं। इन देशों का मानना है कि अमेरिका का डॉलर पर नियंत्रण उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर बनाता है।

नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पोस्ट में कहा कि ब्रिक्स देशों को यह वादा करना होगा कि वे न तो कोई नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे और न ही किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे जो अमेरिकी डॉलर की जगह ले सके। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो इन देशों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा और उन्हें अमेरिकी बाजार में कारोबार करने का सपना छोड़ना होगा।

पुतिन का जवाब: “डॉलर का हथियार के रूप में इस्तेमाल बड़ी गलती”

अक्टूबर में ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका पर “डॉलर को हथियार बनाने” का आरोप लगाया और इसे “बड़ी गलती” बताया था । पुतिन ने कहा, “हम डॉलर का उपयोग करना बंद नहीं करना चाहते, लेकिन अगर अमेरिका हमें काम करने से रोकता है, तो हमारे पास विकल्प तलाशने के अलावा कोई रास्ता नहीं है।”

रूस ने एक नए भुगतान प्रणाली की वकालत की है जो वैश्विक बैंक संदेश नेटवर्क, स्विफ्ट (SWIFT), का विकल्प हो और पश्चिमी प्रतिबंधों से बचते हुए व्यापार को आसान बनाए।

ट्रंप का दावा: डॉलर का स्थान कोई नहीं ले सकता

ट्रंप ने कहा कि वैश्विक व्यापार में अमेरिकी डॉलर को ब्रिक्स देश कभी नहीं हटा पाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी, “जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा, वह अमेरिका को अलविदा कहने के लिए तैयार रहे।”

विशेषज्ञों की राय: डॉलर सुरक्षित

एटलांटिक काउंसिल के मॉडल के अनुसार, अमेरिकी डॉलर निकट भविष्य में अपनी वैश्विक आरक्षित मुद्रा की भूमिका में सुरक्षित है और अन्य मुद्राओं पर इसका दबदबा बना रहेगा।

मेक्सिको और कनाडा पर भी टैरिफ की धमकी

ट्रंप की यह चेतावनी ऐसे समय आई है जब उन्होंने मेक्सिको और कनाडा से आयातित सभी वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ और चीन से आयात पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने की धमकी दी है। यह कदम अमेरिका में अवैध आव्रजन और ड्रग्स की तस्करी रोकने के दबाव के रूप में लिया गया है।

हाल ही में ट्रंप ने मैक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाउम से बातचीत की, जिन्होंने विश्वास जताया कि टैरिफ युद्ध टल सकता है। वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ट्रंप से मुलाकात के बाद बिना किसी आश्वासन के घर लौट गए। (AP के इनपुट के साथ)

First Published : December 1, 2024 | 11:45 AM IST