Pahalgam Attack
Pahalgam Attack: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की “निष्पक्ष, पारदर्शी और विश्वसनीय” जांच में सहयोग देने की इच्छा जताई है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी।
एबटाबाद स्थित एक सैन्य अकादमी में समारोह को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा, “पाकिस्तान किसी भी निष्पक्ष, पारदर्शी और विश्वसनीय जांच में भाग लेने के लिए तैयार है।” उन्होंने आगे कहा, “पहलगाम की यह घटना एक बार फिर इस निरंतर आरोप-प्रत्यारोप के खेल को उजागर करती है, जिसे अब समाप्त होना चाहिए।”
शरीफ ने यह भी जोर दिया कि पाकिस्तान की सेनाएं देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए “पूरी तरह सक्षम और तैयार” हैं, जैसा कि फरवरी 2019 में भारत के ‘लापरवाह’ हमले के जवाब में दिखाया गया था।
इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने भी न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में कहा था कि इस्लामाबाद किसी भी “अंतरराष्ट्रीय जांचकर्ताओं” द्वारा जांच में सहयोग देने को तैयार है।
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसारन घास के मैदान में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए और कई घायल हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली है, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का एक फ्रंट संगठन माना जाता है। यह घटना 2019 के बाद से कश्मीर में सबसे भीषण आतंकी हमलों में से एक मानी जा रही है।
इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए। इसमें 1960 के सिंधु जल संधि को निलंबित करना, पाकिस्तान के नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं रोकना, पहले से जारी वीजाओं को (डिप्लोमेटिक और सरकारी श्रेणियों को छोड़कर) रद्द करना, पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित करना और अटारी लैंड ट्रांजिट पोस्ट को बंद करना शामिल है। भारत ने अटारी के जरिए आए सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 1 मई तक देश छोड़ने का निर्देश दिया है।
सिंधु जल संधि के निलंबन पर शहबाज शरीफ ने कड़ा रुख अपनाते हुए चेतावनी दी कि यदि पाकिस्तान के जल हिस्से को रोका या घटाया गया तो उसका “पूरा बल” से जवाब दिया जाएगा।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की 80% कृषि भूमि की सिंचाई सिंधु नदियों से होती है और देश के एक-तिहाई हाइड्रोपावर उत्पादन के लिए भी ये नदियां महत्वपूर्ण हैं।
शरीफ ने कहा, “कोई भी किसी गलतफहमी में न रहे… हमारी सेनाएं देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम और तैयार हैं।”
वहीं, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत पर आरोप लगाया कि उसने पहलगाम हमले का बहाना बनाकर “घरेलू राजनीतिक उद्देश्यों” के लिए सिंधु जल संधि को निलंबित किया है और यह कदम “बिना किसी जांच और प्रमाण” के उठाया गया।
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वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम हमले के बाद आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया।
बिहार की धरती से संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत आतंकवादियों और उनके समर्थकों को खोजकर सजा देगा। भारत की भावना को आतंकवाद कभी नहीं तोड़ सकता। आतंकवाद को कभी माफ नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने चेतावनी दी कि इस हमले में शामिल लोगों और उनके साजिशकर्ताओं को “उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा दी जाएगी।”