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PM Modi France Visit: PM Modi के फ्रांस दौरे में रक्षा समझौते संभव, bastille day parade में होंगे शामिल

भारत और फ्रांस की सामरिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने की उपलब्धि में यह आयोजन हो रहा है।

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शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- July 06, 2023 | 10:48 PM IST

अगले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा (PM Modi france visit) के दौरान दोनों देश रक्षा, तेजी से उभरती तकनीक और रक्षा से जुड़े विषयों पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री 13-14 जुलाई के दौरान पेरिस में बास्टिल डे परेड में विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।

भारत और फ्रांस की सामरिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे होने की उपलब्धि में यह आयोजन हो रहा है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय बातचीत में दोनों नेताओं के बीच रक्षा जैसे पारंपरिक विषयों पर चर्चा होने के साथ ही अंतरिक्ष जैसे आधुनिक विषयों पर भी बातचीत होगी।

अधिकारियों ने कहा कि हालांकि, दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की बुनियाद रक्षा क्षेत्र में सहयोग है मगर अंतरिक्ष और असैन्य परमाणु क्षेत्रों में सहयोग पर भी दोनों देशों के बीच बातचीत होने लगी है।

फ्रांस की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी नैशनल सेंटर फॉर स्पेस स्टडीज (सीएनईएस) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने भारत के मानव अंतरिक्ष यान मिशन ‘गगनयान’ पर भारत-फ्रांस कार्यशील समूह का भी गठन किया है। इस बारे में एक अधिकारी ने कहा, ‘अंतरिक्ष क्षेत्र और खासकर इस अभियान पर चर्चा का दायरा व्यापक बनाने पर बातचीत चल रही है। दोनों नेता इस विषय पर काफी गंभीर हैं।‘

सूत्रों ने संकेत दिए कि फ्रांस की स्पेस एजेंसी गगनयान के लिए प्रमुख रॉकेट तकनीक का परीक्षण कर सकती है। 2019 में भारत ने यूक्रेन में 1,800 करोड़ की सेमी-क्रायोजेनिक इंजन (एससीई-200) का परीक्षण किया था। यह एक बड़ी तकनीकी सफलता मानी गई क्योंकि इससे इसरो के जीएसएलवी एमके3 रॉकेट की वहन क्षमता 4 टन से बढ़कर 7.5 टन हो जाएगी।

हालांकि, ऐसी खबरें हैं कि रूस से युद्ध के कारण यूक्रेन में यह संयंत्र क्षतिग्रस्त हो गया है। पृथ्वी की निचली कक्षा में तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को लंबे समय तक भेजने के लिए जीएसएलवी एमके3 रॉकेट महत्त्वपूर्ण है। इसे देखते हुए सरकार फ्रांस में परीक्षण करने की अनुमति दे सकती है।

भारत और फ्रांस ने कुछ उन प्रमुख समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए हैं जिनकी मदद से 2018 में अंतरिक्ष अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त दृष्टिकोण को औपचारिक रूप दे दिया गया। इसके अलावा अंतरिक्ष एवं रक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए 2022 में एक द्विपक्षीय वार्ता की शुरुआत हुई। इस वार्ता के उद्घाटन संस्करण का आयोजन पिछले महीने फ्रांस में हुआ था।

स्टार्टअप क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी दोनों देश चर्चा कर सकते हैं। पिछले साल से भारतीय अंतरिक्ष-तकनीक क्षेत्र की स्टार्टअप कंपनी ध्रुव स्पेस ने फ्रांस स्थित सैटेलाइट परिचालक और वैश्विक संपर्क प्रदाता कंपनी कीनीज के साथ एक समझौता किया था।

PM Modi के फ्रांस दौरे में रक्षा क्षेत्र में सहयोग पर विशेष चर्चा

हालांकि, माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के फ्रांस दौरे में रक्षा क्षेत्र में सहयोग पर विशेष चर्चा होगी। 26 रफाल-मैरिटाइम लड़ाकू विमान खरीदने पर समझौता मोदी और मैक्रों की कार्यसूची में सबसे ऊपर रह सकता है। पेरिस में बास्टिल डे परेड में भारत से रफाल लड़ाकू विमानों का एक दस्ता भी भाग लेगा।

मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार भारत कम से कम तीन स्कॉर्पीन क्लास डीजल-इलेक्ट्रिक किलर-हंटर पनडुब्बी या एसएसके खरीदने पर वार्ता कर सकता है। यह पनडुब्बी मुंबई के मझगांव डॉक में तैयार पनडुब्बियों की तरह ही है। हालांकि, दोनों देशों का प्रमुख जोर उच्च क्षमता वाली मिसाइल एवं आयुध का विकास साथ मिलकर करने पर होगा।

खबरों के अनुसार फ्रांस सरकार ने देश की रक्षा क्षेत्र की कंपनी सफ्रान को भारत के साथ मिलकर उस इंजन का ढांचा एवं विकास और इसका विनिर्माण करने की हरी झंडी दे दी है। यह इंजन भारत के दो इंजनों वाले उच्च तकनीक से लैस मल्टी-रोल लड़ाकू विमान (एएमसीए) और भारतीय विमानवाहक युद्धपोतों के लिए दो इंजनों वाले लड़ाकू विमान के परिचालन में मदद करेगा। पिछले साल सफ्रान ने इंजन का संयुक्त रूप से विकास करने के लिए सरकार नियंत्रित हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल्स लिमिटेड के साथ समझौते के मसौदे पर हस्ताक्षर किए थे।

तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर दोनों देशों का रहेगा जोर

हाल में प्रधानमंत्री के अमेरिकी दौरे की तरह फ्रांस दौरे में तकनीक के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर दोनों देशों का जोर होगा। दोनों देश खासकर तकनीक हस्तांतरण पर विशेष रूप से चर्चा करेंगे। गुरुवार को फ्रांस के राष्ट्रपति के कूटनीतिक सलाहकार इमैनुएल बोन एक दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली आए थे।

अधिकारियों ने बताया कि बोन ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की। इस बारे में एक अधिकारी ने कहा, सरकार के स्तर पर फ्रांस आत्मनिर्भर भारत अभियान को सबसे पहले समर्थन देने वाले देशों की सूची में रहा है। अब आगे पूरा जोर दोनों देशों के बीच सहयोग को रक्षा क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी बढ़ाना है।

First Published : July 6, 2023 | 10:48 PM IST