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सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ अल सऊद के निमंत्रण पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 अप्रैल 2025 को सऊदी अरब का राजकीय दौरा किया। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सऊदी अरब की तीसरी यात्रा थी। यह यात्रा सितंबर 2023 में भारत में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा और भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक की सह-अध्यक्षता के बाद हुई।
द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती
प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत जेद्दा के अल-सलाम पैलेस में क्राउन प्रिंस ने किया, जहां दोनों नेताओं ने औपचारिक बातचीत की। उन्होंने भारत और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ मित्रता और परस्पर विश्वास पर आधारित संबंधों को याद किया। दोनों पक्षों ने रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा, व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, कृषि, संस्कृति, स्वास्थ्य, शिक्षा और लोगों से लोगों के संपर्क सहित कई क्षेत्रों में अपने रणनीतिक सहयोग की सराहना की।
रणनीतिक साझेदारी परिषद की बैठक
दोनों नेताओं ने भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद की दूसरी बैठक की सह-अध्यक्षता की और सितंबर 2023 में हुई पिछली बैठक के बाद हुई प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने दो नई मंत्री स्तरीय समितियों – रक्षा सहयोग और पर्यटन-सांस्कृतिक सहयोग – के गठन का स्वागत किया।
सऊदी अरब के विजन 2030 और भारत के विकास लक्ष्यों पर सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी ने सऊदी अरब को वर्ल्ड एक्सपो 2030 और फीफा वर्ल्ड कप 2034 की मेजबानी के लिए बधाई दी। दोनों पक्षों ने अपने-अपने विकास लक्ष्यों – “विजन 2030” और “विकसित भारत 2047” – को साझा समृद्धि के लिए सहयोग से हासिल करने की प्रतिबद्धता जताई।
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उच्च स्तरीय टास्क फोर्स और निवेश सहयोग
2024 में गठित उच्च स्तरीय टास्क फोर्स के माध्यम से दोनों देशों के बीच निवेश बढ़ाने पर जोर दिया गया। ऊर्जा, पेट्रोकेमिकल, आधारभूत संरचना, डिजिटल, हेल्थकेयर और मैन्युफैक्चरिंग सहित अनेक क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने पर सहमति बनी। भारत में दो रिफाइनरियों की स्थापना के लिए समझ बनी और द्विपक्षीय निवेश संधि को शीघ्र अंतिम रूप देने का निर्णय लिया गया।
ऊर्जा और हरित ऊर्जा सहयोग
तेल आपूर्ति, रिफाइनिंग, एलपीजी, हाइड्रोजन ऊर्जा, ग्रिड कनेक्टिविटी, नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में सहयोग, ऊर्जा कुशलता और जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त प्रयासों पर विस्तृत चर्चा हुई। भारत ने “सऊदी ग्रीन इनिशिएटिव” और “मिडल ईस्ट ग्रीन इनिशिएटिव” की सराहना की और “लाइफ मिशन” और “ग्लोबल ग्रीन क्रेडिट इनिशिएटिव” जैसे अपने वैश्विक योगदान को रेखांकित किया।
व्यापार, निवेश और आर्थिक संबंध
दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार की वृद्धि पर संतोष जताया। भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और सऊदी अरब भारत का पाँचवाँ सबसे बड़ा साझेदार बन गया है। भारत-जीसीसी मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर वार्ता शुरू करने की इच्छा जताई गई।
रक्षा और सुरक्षा सहयोग
दोनों पक्षों ने संयुक्त सैन्य अभ्यास, उच्च स्तरीय यात्राओं, और प्रशिक्षण के माध्यम से रक्षा सहयोग में हुई प्रगति को सराहा। ‘सादा तनसीक’ (थल सेना), ‘अल मोहिद अल हिंदी’ (नौसेना) जैसे अभ्यासों और स्टाफ-स्तरीय वार्ताओं का उल्लेख किया गया। साइबर सुरक्षा, सीमाओं की सुरक्षा, मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर बल दिया गया।
आतंकवाद की निंदा और पहलगाम हमले की कड़ी निंदा
दोनों देशों ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने हर प्रकार के आतंकवाद और उग्रवाद को मानवता के लिए गंभीर खतरा बताया और आतंक को धर्म, जाति या संस्कृति से जोड़ने के किसी भी प्रयास को अस्वीकार किया। उन्होंने सीमा पार आतंकवाद और आतंकवादियों को पनाह देने वाले ढांचों को समाप्त करने की अपील की।
स्वास्थ्य और शिक्षा में सहयोग
दोनों देशों ने स्वास्थ्य क्षेत्र में एमओयू पर हस्ताक्षर का स्वागत किया। भारतीय दवाओं के लिए फास्ट ट्रैक पंजीकरण की सराहना की गई। वैज्ञानिक और शैक्षणिक सहयोग को नवाचार और सतत विकास के लिए आवश्यक बताया गया। सऊदी अरब में भारतीय विश्वविद्यालयों की उपस्थिति को बढ़ावा देने की दिशा में सहमति बनी।
प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष और डिजिटल सहयोग
दोनों पक्षों ने AI, साइबर सुरक्षा, अर्धचालक और डिजिटल गवर्नेंस में सहयोग पर जोर दिया। अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया जिसमें प्रक्षेपण यान, अनुसंधान, शैक्षणिक और उद्यमिता विकास शामिल हैं।
संस्कृति, पर्यटन और कृषि
संस्कृति, पर्यटन, मीडिया, खेल, कृषि, खाद्य सुरक्षा, उर्वरक व्यापार और दीर्घकालिक निवेश के क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने पर सहमति बनी। पर्यटन में क्षमता निर्माण और सतत पर्यटन को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया।
भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर और वैश्विक मंचों पर सहयोग
सितंबर 2023 में हस्ताक्षरित “इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकॉनॉमिक कॉरिडोर” को सफल बनाने की प्रतिबद्धता जताई गई। संयुक्त राष्ट्र, IMF, वर्ल्ड बैंक, G20 जैसे मंचों पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। कर्ज राहत पहल (DSSI) के तहत सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता जताई गई।
यमन और क्षेत्रीय सुरक्षा
दोनों देशों ने यमन संकट के राजनीतिक समाधान के लिए सहयोग पर जोर दिया। भारत ने सऊदी अरब की मानवीय सहायता और संवाद की पहलों की सराहना की। समुद्री मार्गों की सुरक्षा और UNCLOS के अंतर्गत नौवहन स्वतंत्रता की पुष्टि की गई।
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