अंतरराष्ट्रीय

भारत-चीन सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच भारत, अमेरिका के रक्षा प्रमुखों ने वैश्विक सुरक्षा मुद्दे पर चर्चा की

Published by
भाषा
Last Updated- December 22, 2022 | 4:48 PM IST

भारत-अमेरिका संबंधों को प्रगाढ़ करने के मकसद से दोनों देशों के रक्षा प्रमुखों ने क्षेत्रीय एवं वैश्विक सुरक्षा माहौल के बारे में अपने आकलन साझा किए और द्विपक्षीय सहयोग एवं सूचना के आदान प्रदान को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की।

सीमा पर भारत और चीन के मध्य बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मार्क ए. माइली और उनके भारतीय समकक्ष भारतीय रक्षा बल के जनरल अनिल चौहान के बीच यह बैठक हुई।

ज्वाइंट स्टाफ के उप प्रवक्ता जोसेफ आर. होलस्टीड ने बुधवार को बैठक का विवरण देते हुए कहा, ‘‘दोनों सैन्य नेताओं ने क्षेत्रीय एवं वैश्विक सुरक्षा माहौल के आकलन साझा किए और द्विपक्षीय सैन्य संबंधों और सूचना के आदान प्रदान को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की।’’

होलस्टीड ने कहा, ‘‘भारत और अमेरिका, भारत-अमेरिका प्रमुख रक्षा भागीदारी के तहत मजबूत सैन्य संबंध को साझा करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत एक मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने में ‘‘महत्वपूर्ण भूमिका’’ निभा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक अहम क्षेत्रीय नेता है और मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण सहयोगी है।’’

अमेरिका, भारत और अन्य कई विश्व शक्तियां संसाधन संपन्न और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य प्रबंधन की पृष्ठभूमि में एक स्वतंत्र, खुले और संपन्न हिंद-प्रशांत को सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बात कर रही हैं।

चीन दक्षिण चीन सागर के लगभग सभी विवादित हिस्से पर दावा करता है जबकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप एवं सैन्य प्रतिष्ठान बनाए हैं। चीन का पूर्वी चीन सागर में जापान के साथ भी सीमा विवाद है।

2017 में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के वास्ते एक नयी रणनीति विकसित करने के लिए क्वाड की स्थापना के समय से लंबित प्रस्ताव को आकार दिया। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्त्से क्षेत्र में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच नौ दिसंबर को झड़प हुई थी जो जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण टकराव के बाद ऐसी पहली घटना है। दो दशक में दोनों देशों की सेनाओं के बीच यह सबसे गंभीर सैन्य टकराव था।

First Published : December 22, 2022 | 4:48 PM IST