अंतरराष्ट्रीय

78 देशों ने ‘शांति शिखर सम्मेलन’ में किया दस्तावेजों पर साइन मगर भारत, सऊदी अरब जैसे ये देश क्यों रहे दूर

यूक्रेन में शांति को लेकर किए गए इस शांति शिखर सम्मेलन में करीब 80 देशों की तरफ से यूक्रेन की ‘क्षेत्रीय अखंडता’ के लिए पेशकश की गई।

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रत्न शंकर मिश्र   
Last Updated- June 17, 2024 | 7:45 AM IST

Swiss conference: भारत ने यूक्रेन संकट को लेकर स्विट्जरलैंड की तरफ से आयोजित ‘शांति शिखर सम्मेलन’ से जारी होने वाले किसी भी संयुक्त बयान से खुद को दूर रखा। भारत ने कहा कि वह यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी रूस और यूक्रेन के बीच ‘ईमानदारी औऱ व्यावहारिक भागीदारी’ की पेशकश करेगा और दोनों देशों के साथ शांति व्यवस्था बनाने के लिए बातचीत जारी रखेगा।

भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय में सेक्रेटरी पवन कपूर ने यूक्रेन संकट पर ‘शांति शिखर सम्मेलन’ में भारत की अगुवाई की। यह सम्मेलन 15 और 16 जून को स्विट्जरलैंड के ल्यूसर्न के पास एक रिसॉर्ट में आयोजित किया गया था। इसमें संयुक्त राष्ट्र (UN) के कुल 141 देशों में से करीब आधे सदस्य देशों ने ही भाग लिया। यूक्रेन में शांति को लेकर किए गए इस शांति शिखर सम्मेलन में करीब 80 देशों की तरफ से यूक्रेन की ‘क्षेत्रीय अखंडता’ के लिए पेशकश की गई और युद्ध का स्थायी समाधान खोजने के लिए सभी देशों के बीच बातचीत की गई।

गौरतलब है कि संयुक्त बयान में रूस और चीन भी शामिल नहीं थे। इसकी वजह यह है कि दोनों देश शांति शिखर सम्मेलन में ही शामिल नहीं हुए थे, यानी अनुपस्थित थे। हालांकि, कई उपस्थित देशों ने उम्मीद जताई की कि रूस भविष्य में शांति के रोड मैप में शामिल हो सकता है।

भारत ने दिया बयान

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के प्रतिनिधिमंडल ने शिखर सम्मेलन के उद्घाटन और समापन सत्र में हिस्सा लिया। भारत ने इस शिखर सम्मेलन से जारी होने वाले किसी भी विज्ञप्ति या दस्तावेज से खुद को नहीं जोड़ा है।

मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘सम्मेलन में भारत की भागीदारी, साथ ही यूक्रेन के शांति फार्मूले पर आधारित पूर्ववर्ती NSA या राजनीतिक निदेशक स्तर की बैठकों में भागीदारी, संवाद और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान को सुगम बनाने के हमारे सतत दृष्टिकोण के अनुरूप है।’’

भारत के अलावा यूक्रेन में शांति दस्तावेज पर और किन देशों ने नहीं किया साइन

असोसिएट प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के अलावा मैक्सिको, सऊदी अरब, साउथ अफ्रीका, थाईलैंड और संयुक्त अरब अमीरातस (UAE), जैसे देश अंतिम दस्तावेज पर साइन नहीं किए। इन देशों के साथ-साथ ब्राजील ने भी अंतिम दस्तावेज पर साइन नहीं किए, जबकि वह एक ऑब्जर्वर देश था।

यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर ज़ेलेंस्की ने बैठक में शांति की दिशा में पहले कदम की सराहना की और देशों का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि यूक्रेन कुछ देशों के साथ बातचीत कर रहा है, जिन्होंने दूसरे शांति शिखर सम्मेलन की मेजबानी की पेशकश की थी। इसके लिए कोई टाइम टेबल तय नहीं की गई थी।

First Published : June 17, 2024 | 7:45 AM IST