भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर की गई हालिया कार्रवाई से प्रभावित संस्थाओं के लिए ग्राहक उपलब्ध कराने वाली फिनटेक कंपनियों के कामकाज पर अस्थायी रूप से असर पड़ सकता है।
फिनटेक के लिए यह व्यवधान अस्थायी रहने की संभावना है, क्योंकि रिजर्व बैंक के प्रतिबंध के दायरे में आईं डीएमआई फाइनैंस और नवी फिनवर्स सहित उनकी कई फिनटेक के साथ साझेदारियां हो सकती हैं। कर्ज लेने वालों से अधिक ब्याज वसूलने के कारण इन फाइनैंस कंपनियों पर रिजर्व बैंक ने प्रतिबंध लगाया है, जिससे ये नए ग्राहकों को कर्ज नहीं दे सकती हैं।
उद्योग के एक अधिकारी ने नाम न दिए जाने की शर्त पर कहा, ‘फिनटेक कई एनबीएफसी की साझेदार हैं। ऐसे में किसी एक इकाई पर नियामकीय असर का कुल मिलाकर फिनटेक के कारोबार पर बहुत मामूली असर होगा।। इस तरह से फिनटेक फर्में लंबे समय तक प्रभावित नहीं होंगी और कुछ छोटे व्यवधान ही नजर आएंगे।’
उदाहरण के लिए सुरक्षित व असुरक्षित ऋण की पेशकश करने वाली फिनटेक दिग्गज गूगल पे ने 5 कर्जदाताओं से साझेदारी की है। इनमें डीएमआई फाइनैंस, इंडिफी टेक्नोलॉजिज, आईसीआईसीआई बैंक, आदित्य बिड़ला फाइनैंस और मुथूट फाइनैंस शामिल हैं।
रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के मुताबिक उसकी साझेदार डीएमआई फाइनैंस पर कर्ज की मंजूरी और कर्ज जारी करने का प्रतिबंध 21 अक्टूबर से प्रभावी होगा। इस मसले पर बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा मांगी गई जानकारी पर गूगल पे और डीएमआई फाइनैंस ने कोई जवाब नहीं दिया।
उद्योग के एक अधिकारी ने कहा, ‘अब फिनटेक जांच करने पर विचार करेंगी कि क्या उनके साझेदार इसी तरह की गतिविधियां अपना रहे हैं और वे यह भी देखने की कोशिश करेंगे कि उनके साझेदार कम से कम उल्लिखित मानदंडों का पालन करें।’
बहरहाल बैंकिंग नियामक के दिशानिर्देशों से इन एनबीएफसी को हुए उल्लेखनीय लाभ पर विपरीत असर पड़ सकता है। वित्त वर्ष 2024 में बेंगलूरु की नवी फिनसर्व के प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) 8,527.2 करोड़ रुपये थी, जिसमें वित्त वर्ष 2023 के 7,859.6 करोड़ रुपये की तुलना में 7.8 प्रतिशत की सालाना वृद्धि हुई है। कंपनी की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में कंपनी द्वारा जारी ऋण बढ़कर 16,006 करोड़ रुपये हो गया, जिसमें वित्त वर्ष 2023 के 12,106.7 करोड़ रुपये की तुलना में 32.2 प्रतिशत वृद्धि हुई है।