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मुश्किल में फंसे प्रोजेक्ट खरीदेगी एचडीएफसी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 8:01 PM IST

अग्रणी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कार्पोरेशन (एचडीएफसी) और सहयोगी एसेट मैनेजमेंट यूनिट के पास एक अरब डॉलर का फंड है। इसकी मदद से वह परेशानियों में घिरे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट खरीदेगा।


यह बात एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारिख ने कही। उन्होंने कहा कि हालांकि अभी तक किसी ऐसे प्रोजेक्ट को खरीदा नहीं गया है। लेकिन कंपनी के अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू फंड परेशानियों से घिरे किसी रियल एस्टेट प्रोजेक्ट की खरीदारी में अहम भूमिका निभाएंगे।

देश के इस सबसे बड़े मोर्गेज कर्जदाता 80 करोड़ डॉलर के पास प्रॉपर्टी फंड हैं जो विदेशों से जुटाया गया था। इस ग्रुप में सिटीग्रुप की भी 12 फीसदी हिस्सेदारी है। पारेख ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में इसकी एसेट मैनेजमेंट यूनिट ने अपने रियल एस्टेट पोर्टफोलियो मैनेजमेंट बिजनेस के जरिए 40 अरब रुपये जुटाए थे, जबकि इस राशि में से 3 अरब रुपये का ही निवेश किया गया।

पारेख ने कहा कि उन्हें ऐसे कुछ डेवलपर्स की तलाश है जिन्होंने बड़ी महंगी जमीन डेवलपमेंट के लिए खरीदी लेकिन अब वे उसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं। पारेख एचडीएफसी के साथ 1978 से हैं। 1993 में वे इसके चेयरमैन बने थे। उन्होंने बताया कि अब उनकी कंपनी एसेट रिकंस्ट्रक्शन फंड के रूप में काम करेगी। बिक्री के कम होने और क्रेडिट की तंगहाली इसके लिए जिम्मेदार है।

खरीददार लगातार बढ़ती ब्याज दरों के कारण प्रॉपर्टी खरीदने से बच रहे हैं। पारेख ने बताया कि कई बिल्डरों ने रियलिटी बूम के समय डेवलपरों ने ऊंचे से ऊंचे दामों में जमीने तो खरीद लीं, लेकिन उसे विकसित करने के लिए कोई फंड नहीं बचाया। उनका मानना था कि ग्राहकों की बुकिंग के जरिए उन्हें डेवलपमेंट के लिए धन मिल जाएगा। लेकिन उनके यह अरमान धरे के धरे रह गए।

सूखते जा रहे फंड के स्रोत

शेयर बाजार के फिसलने के बाद अधिकांश डेवलपरों ने जमीन के अधिग्रहण की योजना को टाल दिया और ब्याज की ऊंची दरें और प्राइवेट इक्विटी निवेशकों द्वारा की गई हार्ड बार्गेनिंग ने फंडिंग के दरवाजे बंद कर दिए। अग्रणी रियल एस्टेट फर्मों डीएलएफ और यूनिटेक ने शेयर बाजार के बदहाल होने के बाद सिंगापुर में अपने रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट्स (आरईआईटीएस) को सूचीबध्द कराने की योजना टाल दी।

2008 में डीएलएफ का वैल्युएशन 50 फीसदी और यूनिटेक का वैल्युएशन दो तिहाई नीचे गिरा। विशेषज्ञों का कहना कि  कैश के संकट के चलते डेवलपरों ने नए प्रोजेक्टों से तौबा करने के साथ अपने वर्तमान प्रोजेक्टों में काम की गति को धीमा कर दिया है।

First Published : September 5, 2008 | 10:38 PM IST