अर्थव्यवस्था

FTA वार्ताओं में तेजी लाने पर जोर, प्राथमिक मुद्दों पर पहले बातचीत चाहती है सरकार: वाणिज्य सचिव

सुनील बड़थ्वाल बोले - शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं पर तुरंत समाधान से जल्द दिखेगा असर, अमेरिका-यूके-ईयू से वार्ताओं में लंबा समय लगने पर चिंता

Published by
श्रेया नंदी   
Last Updated- March 19, 2025 | 10:23 PM IST

वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ने बुधवार को कहा कि मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की वार्ता के दौरान मुख्य कारोबारी मुद्दों जैसे शुल्क, गैर शुल्क बाधाओं पर प्राथमिकता के साथ बातचीत करने की आवश्यकता है। इससे वार्ता की लंबी अवधि में कटौती होगी और त्वरित परिणाम सामने आएगा।

लंबे समय तक जारी बातचीत से आमतौर पर व्यापार वार्ताओं में रुचि कम होती जाती है। हालांकि भारत व्यापार वार्ताओं में मुख्य मुद्दे पर केंद्रित रखकर जटिल बातचीत को सहजता से आगे बढ़ा सकता है। बड़थ्वाल ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में कहा, ‘हम इन मुक्त व्यापार समझौतों पर नजर डालें तो कई बार ये अत्यधिक समय ले जाते हैं। लिहाजा इनमें व्यवसायों की रुचि घट जाती है। हम विभाग में ऐसे मुद्दों की भी समीक्षा कर रहे हैं। हम वार्ता के साझेदार देशों से इस बारे में बात कर रहे हैं कि क्यों न पहले प्राथमिक मसलों पर नजर डाली जाए। चाहे यह समग्र समझौते का पहला चरण हो लेकिन इन वार्ताओं का कुछ परिणाम तो सामने आना चाहिए।’

बड़थ्वाल ने यह टिप्पणी ऐसे दौर में की है जब भारत कई विकसित देशों से व्यापार वार्ताओं पर बातचीत कर रहा है। इन देशों में अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) भी हैं। ब्रिटेन और ईयू के संदर्भ में व्यापार वार्ताएं खासतौर पर लंबा समय ले चुकी हैं। यह दोनों ही वार्ताएं वर्ष 2022 में शुरू हुई हैं और अभी तक अपने मुकाम पर नहीं पहुंची हैं। ईयू के मामले में बात की जाए तो इससे समझौता करने का पहला प्रयास साल 2007 में शुरू हुआ था। हालांकि अमेरिका के संदर्भ में बात की जाए तो कई खंडों में बहु-क्षेत्रीय व्यापार समझौते पर बातचीत हुई है।

इसी तरह, ऑस्ट्रेलिया से समझौते की बात की जाए तो एक अंतरिम समझौता 88 दिन में ही हो गया था और इसके बाद समग्र समझौते पर बातचीत चल रही है। बड़थ्वाल ने कहा कि लैटिन अमेरिकी देशों (एलएसी) के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर यही रवैया अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मेरे विचार से यह तरीका व्यापक तौर पर आगे बढ़ने जा रहा है और हम इससे कई उपलब्धियों को हासिल कर पाएंगे। इससे कारोबार जगत यह देखेगा कि इसके परिणाम बहुत, बहुत जल्दी सामने आ जाएंगे।’

उन्होंने बताया कि भारत ने एलएसी क्षेत्र के देशों के साथ व्यापार को 50 अरब डॉलर से बढ़ाकर 100 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। जिन कुछ क्षेत्रों में समझौता हो सकता है उनमें वाहन, औषधि, आईटी सेवाएं और आधारभूत ढांचा हो सकता है।

First Published : March 19, 2025 | 10:23 PM IST