facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: Tata Capital, Shree Cement, PNB हाउसिंग फाइनेंस समेत बाजार में आज इन कंपनियों पर रहेगा फोकसBihar Elections 2025: महागठबंधन का घोषणा पत्र, परिवार के एक सदस्य को नौकरी; शराबबंदी की होगी समीक्षासर्विस सेक्टर में सबसे ज्यादा अनौपचारिक नौकरियां, कम वेतन के जाल में फंसे श्रमिकदिल्ली में बारिश के लिए क्लाउड सीडिंग, 15 मिनट से 4 घंटे के भीतर बादल बरसने की उम्मीद8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी, 18 महीने में देगा सिफारिश; 50 लाख कर्मचारियों को होगा लाभडीएपी और सल्फर पर बढ़ी सब्सिडी, किसानों को महंगे उर्वरकों से मिलेगी राहतरिलायंस जल्द करेगी जियो आईपीओ का रोडमैप फाइनल, आकार और लीड बैंकर पर निर्णय साल के अंत तक!आकाश एजुकेशनल सर्विसेज को राहत, एनसीएलएटी ने ईजीएम पर रोक से किया इनकारQ2 Results: टीवीएस मोटर का मुनाफा 42% बढ़ा, रेमंड रियल्टी और अदाणी ग्रीन ने भी दिखाया दम; बिड़ला रियल एस्टेट को घाटाBS BFSI 2025: आ​र्थिक मुद्दों पर बारीकी से मंथन करेंगे विशेषज्ञ, भारत की वृद्धि को रफ्तार देने पर होगी चर्चा

अगस्त में भी खुदरा महंगाई 6 प्रतिशत पार

Last Updated- December 15, 2022 | 1:57 AM IST

अगस्त महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर 6.7 प्रतिशत रही, जैसा कि जुलाई में थी। इसकी वजह है कि खाद्य महंगाई दर 9 प्रतिशत से नीचे नहीं आई। कोविड-19 महामारी के 5 महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था इस समय कम वृद्धि और ज्यादा महंगाई से जूझ रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने खुदरा महंगाई दर की ऊपरी सीमा 6 प्रतिशत तय की है, जबकि लगातार 9 महीने से यह ऊपरी स्तर पर बनी हुई है। प्रमुख महंगाई दर भी महामारी के दौरान बढ़ रही है और अब यह इस साल की शुरुआत के 4 प्रतिशत से बढ़कर 6 प्रतिशत पहुंच रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय उपभोक्ताओं को पहले के वर्ष की तुलना में ज्यादा कीमतों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि आर्थिक गतिविधियां सामान्य होने के लिए संघर्ष कर रही हैं और उत्पादन व आपूर्ति को लेकर समस्या बनी हुई है। नोमुरा इंडिया बिजनेस रिजंप्शन इंडेक्स बढ़कर 70 से 75 प्रतिशत के बीच पहुंच गया और सितंबर के मध्य में यह 82 पर है।  उपभोक्ता महंगाई दर 6 प्रतिशत पहुंचने की वजह से रिजर्व बैंक के लिए आगे नीतिगत दरों में कटौती कठिन होगी। अक्टूबर के पहले सप्ताह में मौद्रिक नीति समिति की बैठक होने को है, जिसमें यह सुझाव आ सकता है कि दरों में कटौती को लेकर यथास्थिति बनाए रखा जाए।  इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति में सावधानी बरत सकता है और रीपो दरें स्थिर रख सकता है क्योंकि सितंबर में महंगाई दर में कुछ खास बदलाव नहीं आने वाला है। उन्होंने कहा, ‘सीपीआई महंगाई दर दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 के बीच ही 4 प्रतिशत के स्तर पर आ सकती है।’ बहरहाल आगामी महीनों में आधार का अनुकूल असर होगा क्योंकि 2019 के अंत में महंगाई दर 7 प्रतिशत से ज्यादा थी।
कृषि विशेषज्ञ और पर्यवेक्षक बेहतर बारिश होने के कारण खरीफ फसल बेहतर रहने की उम्मीद कर रहे हैं। इंडिया रेटिंग में मुख्य अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा, ‘बेहतर मॉनसून और खरीफ व रबी की फसल बेहतर रहने की उम्मीद से इंडिया रेटिंग को उम्मीद है कि खाद्य महंगाई दर कम होगी।’
सब्जियों, दलहन, अंडों व मांस की महंगाई बरकरार है और यह खाद्य श्रेणी में 10 प्रतिशत है। वहीं मोटे अनाज में चालव और गेहूं की महंगाई में 3 महीने बाद 6 प्रतिशत की गिरावट आई है। उपभोक्ता महंगाई दर ऊपर बनी हुई है, वहीं थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई दर भी अगस्त महीने में मामूली 0.16 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि इसके पहले चार महीने अवस्फीति थी। जून 2020 में थोक महंगाई 4.5 साल के निचले स्तर ऋणात्मक 3.4 प्रतिशत चली गई थी, उसके बाद लगातार इसमें बढ़ोतरी हो रही है। अगस्त में विनिर्मित उत्पादों में तेजी आने की वजह से थोक महंगाई पर असर पड़ा है, जो 15 माह के उच्च स्तर 1.3 प्रतिशत पर है। उप क्षेत्रों में विनिर्मित खाद्य उत्पादों के दाम 4.7 प्रतिशत बढ़े, क्योंकि खाद्य तेल, घी, बसा महंगे हुए हैं।

First Published - September 15, 2020 | 12:21 AM IST

संबंधित पोस्ट