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मूडीज, केयर रेटिंग्स ने घटाए जीडीटीपी अनुमान

Last Updated- December 15, 2022 | 2:16 AM IST

वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने आज वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में संकुचन का अनुमान घटाकर 11.5 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पहले 4 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया था। अप्रैल-जून के जीडीपी में गिरावट के आधिकारिक आंकड़े जारी होने के बाद मूडीज ने यह अनुमान जारी किए हैं, जिसमें कारोबार में उम्मीद से ज्यादा सुस्ती और जीडीपी में संकुचन का अनुमान लगाया गया है।

वहीं घरेलू रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग ने भी वित्त वर्ष 21 के लिए वास्तविक जीडीपी में 8 से 8.2 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया है, जबकि पहले 6.4 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया था।

मूडीज और केयर रेटिंग का अनुमान अन्य घरेलू व वैश्विक रेटिंग एजेंसियों द्वारा भारत के जीडीपी वृद्धि के अनुमान में तेज कटौती किए जाने के बाद सामने आया है। फिच रेटिंग ने 8 सितंबर को भारत की जीडीपी में 10.5 प्रतिशत संकुचन का अनुमान लगाया था, जबकि पहले 5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया गया था। वहीं फिच की मालिकाना वाली भारतीय इकाई इंडिया रेटिंग ने भारत की वास्तविक जीडीपी में 11.8 प्रतिशत की तेज गिरावट का अनुमान लगाया है।

गोल्डमैन सैक्स ने पहले 11.8 प्रतिशत संकुचन का अनुमान लगााय था, अब 14.8 प्रतिशत गिरावट का अनुमान लगाया है।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत का साख परिवेश निचली वृद्धि, ऊंचे कर्ज तथा कमजोर वित्तीय प्रणाली से प्रभावित हो रहा है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से ये जोखिम और बढ़े हैं। मूडीज ने कहा, ‘अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली में गहरे दबाव से देश की वित्तीय मजबूती में और गिरावट आ सकती है। इससे साख पर दबाव और बढ़ सकता है।’ मूडीज ने कहा कि उसका अनुमान है कि 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। मूडीज ने कहा है कि हालांकि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 10.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी। रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि वृद्धि में तेज गिरावट की वजह से सरकार का राजस्व घटेगा। इसके साथ ही कोरोना के हमले के कारण राजकोषीय व्यय बढ़ेगा और इससे सरकार के राजकोषीय घाटे पर असर पढ़ेगा। मूडीज ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारत का राजकोषीय घाटा 12 प्रतिशत रह सकता है।

First Published - September 12, 2020 | 12:16 AM IST

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