अर्थव्यवस्था

एफटीए वार्ता भारत-रूस संबंधों की दिशा में कदम

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एजेंसियां
Last Updated- April 17, 2023 | 11:35 PM IST

रूस के उद्योग मंत्री ने सोमवार को कहा कि भारत और रूस मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पर बातचीत कर रहे हैं। इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वाणिज्यिक संबंध और गहरे हो सकते हैं, जो यूक्रेन युद्ध के बाद बढ़ा है।

फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से पश्चिम के देश भारत से अपील कर रहे हैं कि वह अपने हथियार आपूर्तिकर्ता रूस के साथ धीरे धीरे दूरी बनाए। वहीं एफटीए पर बातचीत दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध बढ़ाने की दिशा में एक कदम है।

भारत ने रूस से पिछले वित्त वर्ष के दौरान 46.33 अरब डॉलर से ज्यादा का आयात किया है, जिसमें मुख्य रूप से तेल का आयात किया गया है।

रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मंतुरोव ने नई दिल्ली में कहा, ‘हम उत्पादन से लेकर अपने देशों के बाजारों तक आपसी पहुंच के मसले पर विशेष ध्यान देंगे।’ मंतुरोव के पास ही रूस के व्यापार और उद्योग मंत्रालय का जिम्मा है।

उन्होंने कहा, ‘यूरेशियन इकनॉमिक कमीशन के साथ मिलकर हम भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत तेज करने पर काम कर रहे हैं।’

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कोविड महामारी के कारण भारत और रूस के नेतृत्व वाले यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन के बीच मुक्त व्यापार वार्ता पर चर्चा में व्यवधान आया था और अब हम उम्मीद करते हैं कि इसमें तेजी आएगी क्योंकि हमें विश्वास है कि इससे हमारे व्यापारिक संबंधों में वास्तविक बदलाव आएगा।

मंतुरोव ने कहा कि सड़क निर्माण सामग्री और उपकरण, केमिकल्स और फार्मास्यूटिकल उत्पादों की रूस में मांग है और मुझे भरोसा है कि इससे भारत की कंपनियों के लिए अवसर पैदा होगा और वे रूस में अपनी आपूर्ति बढ़ा सकेंगी।

यह घोषणा ऐसे समय में सामने आई है जब केंद्र सरकार एफटीए पर ब्रिटेन, यूरोपियन यूनियन और खाड़ी सहयोग परिषद के साथ बातचीत कर रही है।

First Published : April 17, 2023 | 11:35 PM IST