टाटा संस किफायती विमानन कंपनी एयर एशिया इंडिया में निवेश करने के लिए तैयार है लेकिन संयुक्त उद्यम साझेदार मलेशियाई विमनान कंपनी एयरएशिया बरहाद ने कंपनी में और निवेश करने में असमर्थता जताई है। इस संयुक्त उद्यम में टाटा संस की 51 फीसदी और एयर एशिया बरहाद की 49 फीसदी हिस्सेदारी है।
हालांकि टाटा इसमें परिचालन परिवर्तनीय डिबेंचर (ओसीडी) के जरिये निवेश करेगी, जिससे टाटा संस को बाद में कर्ज को इक्विटी में बदलने की अनुमति होगी। इससे संयुक्त उपक्रम से बाहर निकलने की संभावना तलाश रही में एयर एशिया बरहाद की हिस्सेदारी भी कम होगी।
सूत्रों ने कहा कि टाटा संस ने ओसीडी के जरिये पहले ही करीब 550 करोड़ रुपये निवेश कर चुकी है। पिछले हफ्ते टाटा संस की बोर्ड बैठक में ओसीडी के जरिये 300 करोड़ रुपये और निवेश करने के प्रस्ताव को मंजूर किया गया है। अगर दोनों नए निवेश को इक्विटी में बदला जाता है तो एयर एशिया इंडिया में टाटा समूह की हिस्सेदारी करीब 70 फीसदी हो जाएगी और एयर एशिया बरहाद की हिस्सेदारी घटरकर 30 फीसदी के करीब रह सकती है। घटनाक्रम के जानकार एक शख्स ने बताया, ‘टाटा समूह ने विमानन कंपनी को भरोसा दिया है कि उसका कारोबार पहले की तरह चलता रहेगा और पैसे की कमी के कारण विमानन कंपनी के परिचालन को बंद होने की आशंका नहीं है।’
टाटा समूह से आश्वासन मिलने पर एयर एशिया इंडिया के प्रबंधन ने ट्रैवल एजेंट साझेदारों, विमान पट्टेदारों और कर्मचारियों को भरोसा दिया है कि विमानन कंपनी बंद होने का कोई खतरा नहीं है।
एयर एशिया इंडिया इस महीने के तीसरे हफ्ते में पांच नए विमान अपने बेड़े में शामिल करेगी। कंपनी ने अमेरिका की विमानन फाइनैंस इकाई जीईसीएएस को आपूर्ति पूर्व तथा पट्टा किराये का भुगतान कर दिया है। कंपनी के बेड़े में अभी 30 विमान हैं।
मामले के जानकार शख्स ने कहा, ‘पट्टेदारों, हवाईअड्डों, तेल कंपनियों या किसी अन्य कारोबारी साझेदारों के बकाये में कोई चूक नहीं की गई है और आगे भी भुगतान करने का भरोसा दिया गया है।’ लागत कम करने के उपाय पर भी काम किया जा रहा है और कंपनी चंडीगढ़ तथा अगरतला जैसे कम कमाई वाले मार्गों पर उड़ानें घटा रही है।
सूत्रों ने कहा कि संयुक्त उद्यम साझेदारों के बीच अलगाव पर बातचीत चल रही है। टाटा संस और एयर एशिया समूह के टोनी फर्नांडिस के बीच शेयर भाव को लेकर अंतिम चरण में बातचीत चल रही है। मलेशियाई साझेदार पर निर्भरता खत्म करने की कवायद एक साल पहले शुरू हुई थी। एयर एशिया इंडिया की वाणिज्यिक इकाई का अब गुरुग्राम में अपना संपूर्ण कार्यालय है और बेंगलूरु में क्रू प्रशिक्षण इकाई खोली गई है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) क्रू शेड्यूलिंग के लिए सॉफ्टवेयर बनाने पर काम कर रही है। अभी इसका काम क्वालालम्पुर से देखा जाता है।
फर्नांडिस एयर एशिया इंडिया से निकलने की संभावना तलाश रहे हैं क्योंकि एयर एशिया समूह महामारी से उपजे सकंट का मुकाबला करने के लिए अपने कारोबार का पुनर्गठन कर रहा है। सोमवार को कंपनी ने मलेशिया के स्टॉक एक्सचेंज को बताया था कि कंपनी जापान में अपनी सहयोगी इकाई के परिचालन को बंद कर रही है। इस कंपनी में उसकी 66.9 फीसदी हिस्सेदारी है।
