क्या शापूरजी पलोनजी समूह (एसपी समूह) ने भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में विकास की संभावनाओं को कहीं अधिक आंका था और अधिक नकदी निवेश वाले इस क्षेत्र में मौजूद वित्तीय जोखिम को नजरअंदाज किया था?
एसपी समूह की सबसे बड़ी कंपनी एपकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर ने वित्त वर्ष 2015-16 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में विकास संभावनाओं के बारे में लिखा है, ‘विकास की रफ्तार अब बढ़ गई है और सड़क, रेलवे, एमआरटीएस, बंदरगाह एवं संबंधित क्षेत्रों में अच्छी संभावनाएं दिख रही हैं जिससे भारतीय निर्माण कंपनियों के बीच काफी उम्मीद पैदा हुई है।’ संयोग से समूह के चेयरमैन एवं संरक्षक शापूरजी पलोनजी मिस्त्री को मार्च 2016 पद्म भूषण से अलंकृत किया गया था। सिविल निर्माण कंपनी एफकॉन्स इन्फ्रास्ट्रक्चर में 68.2 फीसदी हिस्सेदारी शापूरजी पलोनजी ऐंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसपी ऐंड कंपनी) की है। वित्त वर्ष 2019 में समूह के समेकित राजस्व में उसका योगदान 18 फीसदी रहा।
इस आशावादिता के कारण बाद के वर्षों में एफकॉन्स और उसकी मूल कंपनी एसपी ऐंड कंपनी के लिए वृद्धि की रफ्तार तेज हो गई लेकिन उस विस्तार से समूह की कमजोर लाभप्रदता एवं नकदी प्रवाह में कोई खास सुधार नहीं हुआ।
वित्त वर्ष 2016 और वित्त वर्ष 2019 के बीच एसपी ऐंड कंपनी का समेकित राजस्व लगभग दोगुना हो गया और उसमें 24 फीसदी सीएजीआर के साथ वृद्धि हो रही थी। वित्त वर्ष 2019 के बाद के कंपनी के वित्तीय आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। वित्त वर्ष 2016 में कंपनी का राजस्व 24,285 करोड़ रुपये था जो बढ़कर वित्त वर्ष 2019 में 49,902 करोड़ रुपये हो गया। राजस्व में हुई तेज वृद्धि के कारण कंपनी के परिचालन लाभ और शुद्ध लाभ में भी तेज वृद्धि दर्ज की गई लेकिन इसका अधिकांश हिस्सा कार्यशील पूंजी मद में चला गया और परिचालन से नकदी प्रवाह की रफ्तार उतनी नहीं रही।
रेटिंग एजेंसियों का कहना है कि इससे समूह पुनर्वित्तपोषण के जोखिम के चपेट में आ गया और अब उसे पिछले कुछ वर्षों के दौरान जमा हुई देनदारियों को निपटाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
पिछले सप्ताह एसपी समूह ने समूह की सूचीबद्ध कंपनी स्टर्लिंग ऐंड विल्सन सोलर के बकाये की समय-सीमा से अदायगी में चूक कर दिया। प्रवर्तकों ने अपनी सहायक इकाइयों के कुल 1,000 करोड़ रुपये के बकाये में से महज दसवें हिस्से का ही भुगतान किया। स्टर्लिंग ऐंड विल्सन सोलर में शापूरजी पलोनजी ऐंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड की 50.6 फीसदी हिस्सेदारी है। एसपी ऐंड कंपनी वित्त वर्ष 2019 में 333 करोड़ रुपये का कर बाद मुनाफा दर्ज किया था और इस प्रकार उसका शुद्ध मुनाफा मार्जिन 0.7 फीसदी रहा था जबकि लार्सन ऐंड टुब्रो ने अपने निर्माण एवं बुनियादी ढांचा कारोबार में वित्त वर्ष 2019 के लिए 5.6 फीसदी का शुद्ध मुनाफा मार्जिन दर्ज किया था।
वृद्धि के बावजूद समूह के नकदी प्रवाह पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा और इसलिए कारोबार को जारी रखने और पिछले बकाये की अदायगी के लिए बाहरी वित्त पोषण पर उसकी निर्भरता बढ़ रही है। एसपी ऐंड कंपनी ने वित्त वर्ष 2019 में समेकित आधार पर परिचालन से 287 करोड़ रुपये का नकारात्मक नकदी प्रवाह दर्ज किया जबकि वित्त वर्ष 2018 में उसने 3,349 करोड़ रुपये का सकारात्मक नकदी प्रवाह दर्ज किया था।
