कंपनियां

ऑनलाइन चैनलों से छोटे खुदरा विक्रेताओं पर पड़ रही चोट?

उद्योग के संगठन फोरम फॉर इंटरनेट रिटेलर्स, सेलर्स ऐंड ट्रेडर्स (फर्स्ट), इंडिया का दावा है कि उसके सदस्यों को ई-कॉमर्स से ‘काफी लाभ’ हुआ है।

Published by
आर्यमन गुप्ता   
अक्षरा श्रीवास्तव   
Last Updated- August 21, 2024 | 10:50 PM IST

बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के बारे में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की टिप्पणी ने एक बार फिर इस बहस को तेज कर दिया है कि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां छोटे खुदरा विक्रेताओं की हिस्सेदारी को खा रही हैं। गोयल ने बुधवार को कहा कि भारत में ई-कॉमर्स का तेजी से विकास ‘चिंता का विषय’ है और यह उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और परिधान जैसे अधिक मार्जिन वाले उत्पाद रियायती दरों पर पेश करके छोटे स्टोरों की हिस्सेदारी को खा रहा है।

उनकी इन टिप्पणियों से ऑनलाइन और ऑफलाइन खुदरा विक्रेता बंट गए हैं। एक ओर छोटे खुदरा विक्रेताओं ने गोयल की टिप्पणियों का समर्थन किया, दूसरी ओर उद्योग के संगठन ने कहा है कि ई-कॉमर्स ने छोटे खुदरा विक्रेताओं को लाभ पहुंचाया है। उद्योग के संगठन फोरम फॉर इंटरनेट रिटेलर्स, सेलर्स ऐंड ट्रेडर्स (फर्स्ट), इंडिया का दावा है कि उसके सदस्यों को ई-कॉमर्स से ‘काफी लाभ’ हुआ है।

फर्स्ट के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा, ‘एसएमई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का फायदा उठाते हुए पूरे देश और दुनिया को अपना ग्राहक आधार बनाने में सक्षम हैं। इसके लिए उन्हें वितरण चैनलों में निवेश की भी जरूरत नहीं है। एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, जोमैटो या स्विगी के बिना हमारे कई सदस्यों को कारोबार बढ़ाना तो दूर इसके लिए संघर्ष करना पड़ता।’

‘पहले इंडिया फाउंडेशन’, जहां मंत्री संबोधित कर रहे थे, की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में बड़े खुदरा क्षेत्र में ई-कॉमर्स की छोटा-सी हिस्सेदारी है। साल 2022 में कुल खुदरा बिक्री में इसकी हिस्सेदारी केवल 7.8 प्रतिशत रही है और यह क्षेत्र साल 2018 और साल 2030 के बीच 27 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ रहा है।

नई दिल्ली के लक्ष्मी नगर बाजार में परिधान स्टोर – कीर्ति कलेक्शन के मालिक नरेंद्र कुमार गुप्ता का कहना है कि पिछले चार साल के दौरान बिक्री में लगभग 30 से 35 प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है। उन्होंने कहा, ‘हमने देखा है कि उपभोक्ता तेजी से ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे हमारी बिक्री पर बुरा असर पड़ रहा है।’

वाणिज्य मंत्री ने यह भी दावा किया है कि जब ई-कॉमर्स से प्रतिस्पर्धा का सामना करने की बात आती है, तो बड़े खुदरा विक्रेताओं को लाभ होता है। गोयल ने सवाल किया, ‘अब आपको आसपास कितने मोबाइल स्टोर नजर आते हैं? और 10 साल पहले कितने थे? वे मोबाइल स्टोर कहां हैं? क्या केवल ऐपल या बड़ा खुदरा विक्रेता ही मोबाइल फोन और सहायक सामग्री बेचेगी?

जहां ई-कॉमर्स वेबसाइटों ने स्मार्टफोन और लैपटॉप जैसी श्रेणियों की बिक्री पर बड़ा प्रभाव डाला है, वहीं उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की खुदरा विक्रेता लोटस इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए घरेलू उपकरणों की बिक्री पर प्रभाव अपेक्षाकृत कम रहा है। लोटस इलेक्ट्रॉनिक्स के निदेशक गौरव पाहवा के अनुसार ई-कॉमर्स की वेबसाइटें स्मार्टफोन बाजार के 45 से 50 प्रतिशत हिस्से पर और लैपटॉप बाजार के 25 प्रतिशत से अधिक हिस्से पर कब्जा करने में सक्षम रही हैं।

First Published : August 21, 2024 | 10:50 PM IST