प्रमुख ऊर्जा कंपनी सेम्बकॉर्प इंडस्ट्रीज अपनी वैश्विक योजना के अनुरूप भारत में अपने अक्षय ऊर्जा पोर्टफोलियो का विस्तार करेगी। पिछले महीने कंपनी ने 2025 तक अपने कुल मुनाफे में अक्षय ऊर्जा पोर्टफोलियो का योगदान 70 फीसदी तक बढ़ाने के लिए योजनाओं की घोषणा की थी। फिलहाल कंपनी के कुल मुनाफे में उसके अक्षय ऊर्जा पोर्टफोलियो का योगदान करीब 40 फीसदी है।
कंपनी ने 30 फीसदी की वार्षिक चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) हासिल करने का लक्ष्य रखा है। उसके शहरी समाधान पोर्टफोलियो का सीएजीआर 10 फीसदी है। कंपनी ने 2025 तक कुल मिलाकर 10 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा की स्थापित क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल उसकी स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता 2.6 गीगावॉट है। इसमें पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा और ऊर्जा भंडार शामिल हैं। कंपनी अपनी वृद्धि को रफ्तार देने के लिए चीन और दक्षिण पूर्व एशिया के अलावा भारत पर दांव लगा रही है। सेम्बकॉर्प के मुख्य कार्याधिकारी (दक्षिण एशिया) विपुल तुली ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि इसमें भारत का महत्त्वपूर्ण योगदान होगा। लेकिन परियोजनाओं की संख्या के बारे में बात करना अभी जल्दबाजी होगी। उन्होंने कहा, ‘भारत आज वैश्विक अक्षय ऊर्जा पोर्टफोलियो में करीब दो-तिहाई है। मुख्य तौर पर तीन बाजारों से कंपनी की वृद्धि को रफ्तार मिलेगी जिनमें भारत, चीन और दक्षिण पूर्व एशिया शामिल हैं। हालांकि भारत की प्रतिशत हिस्सेदारी घट सकती है लेकिन शुद्ध रूप से इसमें काफी हद तक वृद्धि होगी।’
तुली ने कहा कि भारत में बोली और अधिग्रहण से वृद्धि को रफ्तार मिलेगी। सेम्बकॉर्प ने 2015 में ग्रीन इन्फ्रा की परिसंपत्तियों का अधिग्रहण किया था और उसके बाद से अब तक कोई अधिग्रहण नहीं किया है। उन्होंने कहा कि अधिग्रहण के लिए बाजार और कंपनी काफी परिपक्व हो चुके हैं। इसके अलावा सुदृढीकरण के कारण बाजार में कई परिसंपत्तियां उपलब्ध हैं।
तुली ने कहा, ‘हमें लगता है कि मूल्यांकन उस बिंदु पर पहुंच रहा है जहां वह आकर्षक है। हमें अपनी क्षमताओं पर काफी भरोसा है। हम बोली और अधिग्रहण के बीच पूरक वृद्धि हासिल करना चाहते हैं।’
