अमेरिका की निजी इक्विटी कोष प्रबंधक ब्लैकस्टोन ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ 2,500 करोड़ रुपये के लीज रेंट डिस्काउंटिंग (एलआरडी) ऋण को पुनर्वित्त मुहैया कराया है। मामले के जानकार एक सूत्र ने इसकी जानकारी दी।
हाल के वर्षों में वाणिज्यिक संपत्तियों के लिए बैंकों द्वारा इतने बड़े एलआरडी का पुनर्वित्त करने का यह सबसे बड़ा मामला है। सूत्रों ने कहा, ‘पुनर्वित्त बेहतर ब्याज दरों पर किया गया है।’
यह पुनर्वित्त इंडियाबुल्स रियल एस्टेट की वन इंडियाबुल्स सेंटर और इंडियाबुुल्स फाइनैंस सेंटर तथा पिछले साल ब्लैकस्टोन द्वारा खरीदी गई वन बीकेसी प्रॉपर्टी जैसी संपत्तियों को गया है।
सूत्रों ने कहा कि हालांकि एलआरडी के लिए पहले दरें 8.15 फीसदी के आसपास थी लेकिन पुनर्वित्त के बाद ब्लैकस्टोन को 7.5 फीसदी का ब्याज मिलेगा। ब्लैकस्टोन ने इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की। एसबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ये कोष की सीमांत लागत पर आधारित उधारी दर (एमसीएलआर) से जुड़ी दरें हैं। उन्होंने कहा, ‘एक साल के लिए एमसीएलआर अभी 7 फीसदी है। अवधि और जोखिम प्रीमियम को शामिल करने पर प्रभावी दर 8.5 से 9.25 फीसदी के दायरे में हैं। एसबीआई मुंबई और बेंगलूरु में प्रमुख किरायेदारों वाली संपत्तियों पर ध्यान दे रहा है।’
हाल के महीनों में एलआरडी पुनर्वित्त में तेजी आई है क्योंकि दरों में कमी आ रही है। एलआरडी दरें पिछले साल की दूसरी तिमाही में 11.8 फीसदी थी जो इस साल दूसरी तिमाही में घटकर 8.5 फीसदी रह गई है।इस साल की शुरुआत में टाटा रियल्टी ऐंड इन्फ्रास्ट्रक्चर ने अपने 400 करोड़ रुपये के एललआरडी ऋण को पुनर्वित्त मुहैया कराया था। कंपनी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
लॉजिस्टिक्स कंपनी इंडोस्पेस ने भी एक विदेशी बैंक के साथ ऐसा ही सौदा किया है। इस बारे में पुष्टि के लिए कंपनी को ईमेल भेजा गया लेकिन कोई जवाब नहीं आया।
शापूरजी पलोनजी इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स के चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक राजेश अग्रवाल ने कहा, ‘सभी ए ग्रेड वाणिज्यिक रियल एस्टेट के मालिक बाजार में कम उधारी दर का लाभ उठाने के लिए अपने लीज रेंट डिस्काउंटिंग का पुनर्वित्त करा रहे हैं। बैंकर भी इसे बढ़ावा दे रहे हैं क्योंकि नकदी प्रवाह वाला वित्तपोषण का यह गिने-चुने साधनों में से एक है।’अग्रवाल ने कहा कि वाणिज्यिक और लॉजिस्टिक क्षेत्र में यह ज्यादा देखा जा रहा है क्योंकि मौजूदा महामारी के कारण किराया कैलेंडर पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। संकेत है कि ब्याज दरें कम से से ककम तीन से चार साल तक कम ही रह सकते हैं।
एनारॉक कैपिटल में कॉर्पोरेट फाइनैंस के अध्यक्ष विशाल श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड-19 के बाद बैंकों के पास तरलता बढ़ गई है लेकिन पूंजी निवेश करने के साधन घट गए हैं।
ऐसे में एलआरडी बैंकों के लिए अपेक्षाकृत सुरक्षित नजर आता है औश्र सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एलआरडी सौदों पर ध्यान दे रहे हैं। इसके साथ ही एबेंसी और केआरसी के दो रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (रीट) के बेहतर प्रदर्शन से इस बाजार की परिपक्वता भी बढ़ी है।
