बजाज ऑटो द्वारा हाल में दुनिया की पहली सीएनजी बाइक बजाज फ्रीडम 125 को लॉन्च किए जाने के बाद कई अन्य कंपनियां भी वैकल्पिक ईंधन पर बड़ा दांव लगा रही हैं। टीवीएस मोटर जैसी बड़ी कंपनियां भी वाहनों में सीएनजी ईंधन के उपयोग पर विचार कर रही हैं।
दैनिक आवाजाही वाले वाहन श्रेणी में सीएनजी ईंधन विकल्प उपभोक्ता के ईंधन बिल को कम करता है। बजाज ऑटो ने भी दावा किया है कि फ्रीडम 125 की परिचालन लागत पेट्रोल से चलने वाली पारंपरिक बाइक के मुकाबले 50 फीसदी कम है।
टीवीएस मोटर के प्रवक्ता ने कहा, ‘सभी प्रौद्योगिकी विकल्प (सीएनजी, ईवी, मल्टी-फ्यूल आदि) काफी दिलचस्प हैं और उसमें हमारी रुचि है।’ मगर अधिकारी ने कहा कि कंपनी पहले ही घोषणा कर चुकी है कि उसकी योजना एक अन्य ई-दोपहिया को बाजार में उतारने के अलावा एक पेट्रोल मॉडल और एक ई-तिपहिया लॉन्च करने की है।
प्रवक्ता ने कहा, ‘हम उस दिशा में काम कर रहे हैं। हमने इस साल टीवीएस आईक्यूब के कई वेरिएंट लॉन्च किए हैं। जहां तक प्रौद्योगिकी का सवाल है तो हम बुनियादी तौर पर यह देखते हैं कि टीवीएस वाहन मालिकों के लिए क्या अच्छा रहेगा।’
दूसरी ओर, होंडा मोटरसाइकिल ऐंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) भी वैकल्पिक ईंधन पर बड़ा दांव लगा रही है। एचएमएसआई ने भारत मोबिलिटी एक्सपो के दौरान भारतीय बाजार के लिए विशेष रूप से विकसित अपनी फ्लेक्स-फ्यूल-पावर्ड बाइक का प्रदर्शन किया है। इस बाइक में 85 फीसदी तक एथनॉल मिलाया जा सकता है।
एचएमएसआई के निदेशक (बिक्री एवं विपणन) योगेश माथुर ने कहा कि उनकी कंपनी भी एक वैकल्पिक ईंधन रणनीति तैयार कर रही है। हालांकि उन्होंने इसके बारे में विस्तृत खुलासा नहीं किया लेकिन कहा कि वे ईवी और फ्लेक्स-फ्यूल विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘बाद में हम इसके बारे में विस्तार से बताएंगे।’
बजाज को अपनी सीएनजी बाइक फ्रीडम 125 को विकसित करने में करीब डेढ़ साल लगे। कंपनी दावा करती है कि यह बाइक यह पेट्रोल से चलने वाली किसी भी बाइक के मुकाबले ईंधन लागत में 50 फीसदी की बचत करती है। इसमें 2 किलोग्राम का सीएनजी टैंक लगा है जो 200 किलोमीटर चलने के लिए पर्याप्त है। इसके अलावा 2 लीटर का अतिरिक्त पेट्रोल टैंक भी लगाया गया है।
कंपनी ने दावा किया है कि सीएनजी बाइक का इस्तेमाल करते हुए उपभोक्ता अपने ईंधन बिल पर सालाना करीब 15,000 रुपये की बचत कर सकते हैं। बजाज ऑटो न केवल सीएनजी स्टेशन नेटवर्क का विस्तार करने, बल्कि उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ईंधन स्टेशनों पर दोपहिया वाहनों के लिए विशेष व्यवस्था करने के लिए तेल विपणन कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है।
दोपहिया वाहन बनाने वाली प्रमुख कंपनियां स्वच्छ ईंधन प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। उदाहरण के लिए, फ्रीडम 125 बाइक कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन को पेट्रोल के मुकाबले 26.7 फीसदी कम करती है। इसी प्रकार यह गैर-मीथेन हाइड्रोकार्बन के उत्सर्जन को 85 फीसदी और नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को 43 फीसदी कम करती है।
बजाज ऑटो ने स्वच्छ ईंधन वाले वाहनों पर कर की मौजूदा दर को 28 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी करने की वकालत की। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों पर 5 फीसदी कर लगता है।