स्पाइसजेट को खरीदने के बाद किंगफिशर की बढ़ेगी हिस्सेदारी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 9:40 AM IST

विमान ईंधन की बढ़ती कीमतों से हो रहे नुकसान से परेशान सस्ते दर पर विमानन सेवा मुहैया कराने वाली कंपनियां इससे बचने के रास्ते तलाश रही हैं।


शेयर स्वैप डील के साथ ही किंगफिशर और स्पाइस जेट एक नई कंपनी बनाएंगे, जिसमें स्पाइस जेट के शेयरधारकों को कंपनी के तीन शेयरों के बदले नई कंपनी का एक शेयर मिलेगा। अगर डील हो जाती है तो किंगफिशर के प्रमोटर विजय माल्या इस बाजार के सबसे बड़े खिलाड़ी बन जाएंगे।

इस करार के  बाद विजय माल्या के पास इस बाजार के 40 फीसदी शेयर हो जाएंगे। इस बारे में विजय माल्या ने आज कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह इस बारे में बोलेंगे पर कल। सूत्रों के अनुसार किंगफिशर की योजना हाल ही में अधिग्रहित सिम्पलीफ्लाई डेक्कन क्षेत्रीय और स्पाइसजेट महानगरों के रूट पर उड़ान भरेगी। स्पाइसजेट के बोइंग विमानों से किंगफिशर के लिए अमेरिका तक उड़ान भरना काफी आसान हो जाएगा। स्पाइसजेट रोजाना 15 जगहों पर 94 उड़ानें भरती है।

अगर किंगफिशर और डेक्कन की सभी उड़ानों की संख्या मिला दी जाए तो 83 विमान लगभग 63 स्थानों के लिए रोजाना 440 उड़ानें भरते हैं। बाजार के सूत्रों के अनुसार बाजार में पूंजी का अभाव है इस कारण दोनों ही कंपनियों को रकम जुटाने में काफी मुश्किल होगी। ऐसे में दोनों कंपनियों के पास शेयरों की अदला-बदली के जरिये ही करार करने का रास्ता है। बाजार की विपरीत परिस्थितियों में नुकसान की मार झेल रही स्पाइसजेट के लिए भी यह विलय काफी फायदेमंद रहेगा। इस विलय के बारे में बात करने के लिए कंपनी ने पहले ही रोशिल्ड को नियुक्त कर दिया है।

स्पाइसजेट की योजना 400 करोड़ रुपये खर्च कर अपनी विमान क्षमता का विस्तार करने की भी है। लेकिन अभी तक कंपनी निवेशक की तलाश कर रही है। स्पाइसजेट के प्रमोटर कंसाग्रा इस विमान कंपनी में अपने शेयर बेचने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। कंसाग्रा के पास कंपनी के लगभग 12.9 फीसदी शेयर हैं। हालांकि कंसाग्रा ने किंगफिशर के साथ किसी भी औपचारिक समझौते से इनकार किया है। निवेश संस्था इश्तितमार ने हाल ही में कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की घोषणा की थी । हालांकि अभी तक कंपनी ने इस बारे में आगे बातचीत नहीं की है।

First Published : July 4, 2008 | 10:39 PM IST