देश की निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी विमानन कंपनी जेट एयरवेज को मंदी और एटीएफ की ऊंची कीमतों का खामियाजा भुगतना पड़ा है।
इन दोनों वजहों से ही कंपनी का शुद्ध घाटा 31 दिसंबर 2008 को समाप्त तिमाही में बढ़कर 214.18 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी का शुद्ध घाटा 91.12 करोड़ रुपये था।
कंपनी ने बम्बई स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया कि इस अवधि के दौरान उसके राजस्व में 24.60 फीसदी का इजाफा हुआ है और यह आंकड़ा दिसंबर 2007 की तिमाही के 2,425.98 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,022.83 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
जेट एयरवेज ने कहा, ‘चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों के दौरान नुकसान की असली जड़ महंगा एटीएफ ही रहा। परिचालन लागत में इजाफे और मुसाफिरों की कम आमद की वजह से राजस्व उम्मीद से कम रहा।’
इन नौ महीनों के दौरान जेट को 455.33 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में कंपनी को 31.88 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।