पिछले साल अपने तूफान से खलबली मचाने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का दूसरा सफर शनिवार से शुरू होने जा रहा है।
सुरक्षा कारणों से बीसीसीआई का यह टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट भले ही भारत की बजाय दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हो रहा है। लेकिन बेशक देश में आईपीएल के प्रति लोगों की दीवानगी और जुनून किसी भी लिहाज से कमतर नहीं पड़ने जा रहा है।
उम्मीद की जा रही है कि आईपीएल-2 के जरिये टेलीविजन पर इसका प्रसारण करने वाला चैनल सेट मैक्स 80 से ज्यादा ब्रांडों के विज्ञापन दिखाकर 400 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई करने जा रहा है। जानकारों का मानना है कि भारी संख्या में दर्शक आईपीएल के मैच टेलीविजन पर देखेंगे।
आईपीएल के मैच दक्षिण अफ्रीका में 36 दिनों तक आयोजित किए जाएंगे। यह भी संयोग ही है कि 18 अप्रैल 2008 को बेंगलुरु में आईपीएल का पहला मैच होने के ठीक 365 दिनों बाद ही आईपीएल-2 का उद्धाटन मुकाबला केपटाउन में खेला जा रहा है।
सेट मैक्स भी आईपीएल के जरिये मोटी कमाई की तैयारियों में जुटा है। चैनल विज्ञापन के लिए 80 फीसदी एयरटाइम पहले ही बेच चुका है। सूत्रों के मुताबिक चैनल ने 10 सेकंड के 12,000 विज्ञापन स्पॉट पिछले साल की विज्ञापन दरों से 35 फीसदी ज्यादा पर बेच दिए हैं। इसका मतलब यही हुआ कि चैनल 10 सेकंड के विज्ञापन के लिए तकरीबन 4 लाख रुपये वसूलने जा रहा है।
वैसे टेलीविजन के दर्शकों के लिए आईपीएल का समय कोई समस्या नहीं है। पहला मैच 4 बजे से तो दूसरा मैच 8 बजे से प्रसारित किया जाएगा। इस साल आईपीएल में 59 मुकाबले होंगे। दक्षिण अफ्रीका के 8 स्टेडियमों में 18 से 24 अप्रैल के बीच यह सभी मैच खेले जाएंगे। टेलीविजन के साथ गेट मनी के जरिये भी कमाई बढ़िया होने जा रही है।
क्रिकेट साउथ अफ्रीका और आईपीएल ने अब तक कुल 15 लाख स्टेडियम टिकटों में से 90 फीसदी टिकट बेचने में कामयाबी हासिल की है। पिछले साल आईपीएल को शानदार कामयाबी मिली थी और इस साल भी ऐसी ही उम्मीद कॉर्पोरेट जगत लगाए बैठा है।
नाम छिपाते हुए एक मीडिया एजेंसी के अधिकारी ने बताया, ‘आम दिनों में आईपीएल की टीवी रेटिंग 8 फीसदी और शनिवार, रविवार को 10 फीसदी रहने की उम्मीद है। इसलिए एफएमसीजी, वाहन, टेलीकॉम क्षेत्र की कई कंपनियां अपने विज्ञापन देने में दिलचस्पी दिखा रही हैं। ‘
कमाई का छक्का
आज से शुरू आईपीएल-2
टीवी पर धुआंधार विज्ञापन
सेट मैक्स को होगी 400 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाई
विज्ञापन दर पिछले साल से 35 फीसदी ज्यादा