वाईमैक्स सुविधा से इंटरनेट सेवा को ब्रॉडबैंड और केबल तारों से बेहतर बनाया जा सकता है, लेकिन स्पेक्ट्रम के अभाव में भारत में अभी भी वाईमैक्स की सुविधा देने में मुश्किलें आ रही हैं।
वाईमैक्स इंडिया 2008 सम्मेलन के दौरान रिसर्च फर्म प्राइसवाटरहाउसकूपर्स की सह-निदेशक अर्पिता पाल अग्रवाल ने वाईमैक्स पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत में वाईमैक्स के इस्तेमाल से शहरों और गांवों के बीच का अंतर को दूर कर सकते हैं। लेकिन यहां लाइसेंसिंग की कड़ी चुनौतियां हैं और वाईमैक्स के लिए चार ब्लॉक तय किए गए है।
पूर्व वायरलैस सलाहकार और रेडियो नियामक बोर्ड के सदस्य पी के गर्ग ने कहा, ‘वाईमैक्स स्पेक्ट्रम की समस्या को मौजूदा स्थितियों में नेटवर्क के पूरे इस्तेमाल से सुलझाया जा सकता है।’ वाईमैक्स स्पेक्ट्रम की जानकारी देते हुए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के सदस्य आर एन प्रभाकर ने कहा, ‘स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए प्राधिकरण विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रहा है कि किस स्पेक्ट्रम को खाली किया जाए।’