उद्योग

आईबीबीआई का आईबीए संग करार

आईबीबीआई और आईबीए के साझे प्रयास से ई-बिक्री प्लेटफॉर्म पर दिवाला संपत्तियों की नीलामी, 1 नवंबर से लागू होगी नई व्यवस्था

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रुचिका चित्रवंशी   
Last Updated- October 30, 2024 | 10:29 PM IST

भारतीय दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने एक परिपत्र जारी कर बताया है कि ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता (आईबीसी) के जरिये बिक्री वाली परिसंपत्तियां जल्द ही सूचीबद्ध की जाएंगी और उनकी नीलामी के लिए एक केंद्रीकृत मंच के तहत संभावित खरीदारों के लिए उपलब्ध होंगी।

आईबीबीआई ने ई-बिक्री प्लेटफॉर्म के जरिये परिसंपत्तियों की नीलामी के लिए भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ करार किया है। पीएसबी अलायंस प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व और प्रबंधन वाला ई-विक्रय पिछले पांच वर्षो से सरफेसी अधिनियम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में गिरवी रखी गई संपत्तियों की नीलामी आयोजित कर रहा है। यह सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों का एक संघ है।

प्लेटफॉर्म को प्रायोगिक तौर पर शुरू किया गया था। उपयोग के अनुभव के आधार पर सुधार करने के बाद इसे पूरी तरह लागू किया जाएगा। आईबीबीआई ने कहा कि उसका परिपत्र इस साल 1 नवंबर से लागू होगा। दिवाला नियामक ने कहा कि पीएसबी अलायंस ने आईबीसी के तहत परिसंपत्तियों को सूचीबद्ध करने और उसकी नीलामी के लिए ई-विक्रय प्लेटफॉर्म के भीतर एक मॉड्यूल तैयार किया है।

आईबीबीआई के परिपत्र में कहा गया है, ‘उन्नत तकनीक के जरिये पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि कर ई-विक्रय का लक्ष्य बोलीदाताओं की भागीदारी बढ़ाना है और संचालन को सुव्यवस्थित करने के साथ-साथ बोलीदाताओं के लिए परिणामों सुधार करते हुए लेनदारों के लिए रिटर्न ज्यादा से ज्यादा करना है।’

फिलहाल परिसंपत्तियों की बिक्री प्रक्रिया के दौरान विभिन्न नीलामी प्लेटफार्मों के माध्यम से संपत्ति की बिक्री की जाती है। किसी कंपनी की संपत्ति का विवरण केवल नीलामी नोटिस के समय ही सार्वजनिक किया जाता है। आईबीबीआई ने कहा कि इससे सूचना में असमानता होती है, क्योंकि संभावित खरीदारों के पास संपत्ति के मूल्य का आकलन करने के लिए सीमित समय होता है और नतीजतन अक्सर वसूली दर कम ही रह जाती है।

First Published : October 30, 2024 | 10:29 PM IST