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IBM इंडिया के MD संदीप पटेल ने कहा, हमने भारत में भर्ती कभी बंद नहीं की

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शिवानी शिंदे, सौरभ लेले
Last Updated- March 05, 2023 | 9:53 PM IST

IBM कॉरपोरेशन के लिए भारत आशावान स्थान रहा है। भारत का इसका कारोबार बढ़ रहा है। आईबीएम इंडिया के प्रबंध निदेशक संदीप पटेल का कहना है कि यह भौगोलिक क्षेत्र इस वैश्विक फर्म का सटीक सूक्ष्म रूप है। शिवानी शिंदे और सौरभ लेले के साथ बातचीत में उन्होंने वर्ष 2023 की प्रमुख चीजों, भारत के लिए काम करने के वास्ते आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रारूप और भर्ती जारी रखने (आईबीएम का करियर पेज भारत में 3,000 से अधिक नई नौकरी दिखाता है) के बारे में बात की। संपादित अंश:

वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली मंदी की प्रवृत्ति में भारत कैसा दिख रहा है?

हालांकि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हमें मंदी की प्रवृत्ति वाले हिस्से दिख रहे हैं, लेकिन मेरा मानना है कि भारत अच्छी स्थिति में है। विशेष रूप से जिस तरह से हम वृद्धि के अनुमानों को देख रहे हैं। प्रौद्योगिकी किसी भी अर्थव्यवस्था में अपस्फीति कारक के रूप में काम कर रही है। आज की दुनिया में इसकी वजह यह है कि प्रौद्योगिकी इस संबंध में सुत्रधार की भूमिका निभा रही है कि असंबद्ध को यह किस तरह से जोड़तीहै, लेकिन यह डिजिटल बदलाव को भी रफ्तार दे रही है। हम मानते हैं कि हाइब्रिड क्लाउड, एआई और उद्यम-स्तर की सुरक्षा के तत्व विकसित होते रहेंगे।

इसके तहत मुझे भारत में अपने परिचालन पर बहुत गर्व है। हम भारत में लगभग पांच तिमाहियों में दोहरे अंकों की वृद्धि के साथ वर्ष 2022 से निकले हैं। यह आईबीएम कॉरपोरेशन का वास्तव में सूक्ष्म रूप है। हमारे पास प्रौद्योगिकी कारोबार और वितरण केंद्र हैं, लेकिन हमारे पास सॉफ्टवेयर लैब, सिस्टम लैब और अनुसंधान लैब भी हैं।

आपने भारत में दो अंकों की वृद्धि वाली पांच तिमाहियों का उल्लेख किया है। वर्ष 2023 कैसा दिखता है?

प्राथमिकताओं के लिहाज से हाईब्रिड क्लाउड और एआई को सुरक्षा का समर्थन मिला हुआ है। हमारे परामर्श और प्रौद्योगिकी में हम मौजूदा ग्राहक आधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए मिलकर काम कर रहे हैं। हमने 2021 के अंत तक अपनी साझेदारी और गो-टु-मार्केट में दो मूल बदलावों की घोषणा की थी। कारोबारी भागीदारों और पारिस्थितिक तंत्र भागीदारों पर खासा ध्यान है।

क्या आईबीएम भी भारत में भर्तियां कर रही है?

हमने भारत में भर्ती कभी बंद नहीं की। हम भारत में इसे जारी रख हुए हैं। हम विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्रों के लिए कर्मचारियों की संख्या की घोषणा नहीं करते हैं, लेकिन पिछले दो वर्षों में भारत में हमने वृद्धि ही की है।

वित्त मंत्री ने बजट में कहा था कि एआई को भारत के लिए काम करने लायक बनाओ। आप आईबीएम को इसमें किस तरह का योगदान देते हुए देखते हैं?

हालांकि चैटजीपीटी और गूगल बार्ड ने एआई के संबंध में काफी चर्चा पैदा की है और यह एआई की राह में निर्णायक क्षण हैं। हम अपने एआई फोकस में कुछ बदलाव कर रहे हैं।

एआई अग्रिम मोर्चा और केंद्र बन गई है। लेकिन ग्राहकों की चिंता यह है कि क्या एआई उनके लिए काम करेगी। क्या इससे मूल्य और निवेश पर प्रतिफल (आरओआई) बढ़ेगा? क्या यह काफी महंगी होगी?

एआई में हमारा काम इस बात पर रहा है कि हम डेटा सेट लेने के लिए कोर एआई तकनीक का उपयोग कैसे कर सकते हैं और ऐसे मूलभूत मॉडल का निर्माण कर सकते हैं, जो परिणामों को जल्द हल करने में मदद करते हों। हम यह सार्वजनिक और निजी दोनों ही क्षेत्रों में कर रहे हैं। हम यह भी मानते हैं कि एआई कभी भी इंसानों की जगह नहीं लेगी।

क्या आपको लगता है कि एआई कौशल विकास को प्रभावित कर सकती है?

वैश्विक स्तर पर कौशल विकास एक मसला है। नौकरियों के लिए कम लोग उपलब्ध हैं। कौशल विकास और लोगों को भविष्य के कौशल के लिए तैयार करना भारत के लिए बड़ी चुनौती है। एआई सही स्वचालन और कौशल वृद्धि के जरिये उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर सकती है।

First Published : March 5, 2023 | 9:53 PM IST