गो एयर को वाडिया समूह से दम

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 4:21 AM IST

प्रमुख विमानन कंपनी गो एयर अपने एक ऋण खाते के पुनर्गठन के जरिये लंबी अवधि में अदायगी के लिए फ्रांसीसी ऋणदाता बीएनपी पारिबा से बातचीत कर रही है। विमानन कंपनी को कोविड वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के कारण पट्टा भुगतान में मोहलत के लिए पट्टेदारों से भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
इन खबरों को काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि विमानन कंपनी 3,600 करोड़ रुपये जुटाने के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के पूंजी बाजार में उतरने की योजना बना रही है।
शुरू मेंं गो एयर ऋण पुनर्गठन पर केवी कामत समिति द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के तहत अपने ऋण का पुनर्गठन करना चाहती थी। लेकिन बैंक ने उसके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। उसके बाद विमानन कंपनी ने बकाये मूलधन को सात किस्तों में अदायगी के लिए लेनदार के साथ द्विपक्षीय बातचीत शुरू की थी।
बैंकिंग उद्योग के एक सूत्र ने कहा, ‘हालांकि कंपनी शुरू में कामत समिति के मानदंडों के तहत ऋण का पुनर्गठन करना चाहती थी। लेकिन वह उन मानदंडों पर खरा नहीं उतर सकी। विमानन कंपनी को वाडिया समूह के समर्थन को देखते हुए बैंक ने अंतत: पुनर्गठन पर विचार करने के लिए सहमति जताई।’ गो एयर में वाडिया समूह की 100 फीसदी हिस्सेदारी है।
कामत समिति ने ऋणदाता संस्थानों को ऋण पुनर्गठन के दौरान पांच अनुपातों पर गौर करने की सलाह दी थी जिसमें बकाया देनदारी बनाम समायोजित शुद्ध हैसियत अनुपात, ऋण बनाम एबिटा अनुपात, चालू अनुपात, ऋण अदायगी कवरेज अनुपात और औसत ऋण अदायगी कवरेज अनुपात शामिल हैं।
किसी भी विमानन कंपनी को ऋण पुनर्गठन की पात्रता हासिल करने के लिए चालू अनुपात 0.4 अथवा इससे अधिक और ऋण बनाम एबिटा अनुपात 5.5 अथवा इससे कम होना चाहिए। सूत्र ने बताया कि भारत में किसी विमानन कंपनी के लिए चालू अनुपात कभी भी 0.3 से अधिक नहीं हो सकती है।
इसी तरह वाडिया सूमह के समर्थन ने भी कंपनी को पट्टे की रकम स्थगित करने के लिए विमान के पट्टेदारों के साथ आगे बातचीत करने की अनुमति दी है। इसके डीआरएचपी में इस बात का जिक्र किया गया है कि चार विमान पट्टेदारों ने 3.575 करोड़ डॉलर का दावा करते हुए 24 विमानों से संबंधित चूक के नोटिस भेजे हैं।
पट्टा देने वाली एक कंपनी के अधिकारी ने कहा कि गो एयर के लिए जो बात मायने रखती है, वह वाडिया समूह की गारंटी है, जो लीज समझौतों का भी हिस्सा है। इससे पट्टा किराये की अवधि के पुनर्गठन और कुछ बदलाव के लिए पट्टेदारों को काफी राहत और सुरक्षा मिलती है।
इंडियन एयरलाइंस दुनिया भर में अपने समकक्षों की तरह पट्टे के समझौतों को स्थगित करने या पुनर्गठन के लिए बातचीत कर रही है, क्योंकि वैश्विक महामारी से कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हालांकि इनमें से अधिकांश कंपनियों ने पट्टा समझौतों का सफलतापूर्वक पुनर्गठन कर लिया है, लेकिन इस वैश्विक महामारी की एक दूसरी लहर पट्टादेने वालों को चिंतित किए हुए है, जिन्हें भुगतान किए जाने की क्षमता पर संदेह है, खास तौर पर कमजोर बहीखातों वाली विमान कंपनियों द्वारा।
एक ब्रोकरेज कंपनी के विश्लेषक ने कहा कि वाडिया समूह ने फर्म को समर्थन देने की मंशा और क्षमता दिखाई है तथा इसलिए वह प्रतिस्पद्र्धी स्पाइसजेट के मुकाबले काफी बेहतर स्थिति में है, जिसका वर्ममान मूल्य तकरीबन 4,000 करोड़ रुपये है।
कंपनी ने हाल ही में वाडिया समूह की बेमैनको इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड से इक्विटी के रूप में 5,46 करोड़ रुपये जुटाए हैं। वित्त वर्ष 21 के दौरान वाडिया समूह द्वारा दिए गए साख पत्र के कारण कंपनी आईसीआईसीआई बैंक से 500 करोड़ रुपये की ताजा उधारी मिल पाई है।

First Published : May 28, 2021 | 11:51 PM IST