Vikram Damodaran, Chief Innovation Officer, Diageo India
साल 2013 में बेंगलूरु की यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड (यूएसएल) का अधिग्रहण करने वाली ब्रिटेन की अल्कोहलिक पेय कंपनी डियाजियो भारत को लेकर उत्साहित है। मैकडॉवेल्स, रॉयल चैलेंज, स्मिरनॉफ और गोडावन सहित शराब के अपने लोकप्रिय उत्पादों से लैस डियाजियो इंडिया अपने ब्रांडों को प्रीमियम बनाने के साथ-साथ अपने मौजूदा पोर्टफोलियो का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। डियाजियो इंडिया के चीफ इनोवेशन ऑफिसर (सीआईओ) विक्रम दामोदरन ने बेंगलूरु में आयुष्मान बरुआ और अनीका चटर्जी के साथ बातचीत में कंपनी की विकास रणनीति और विस्तार योजनाओं के बारे में बात की। प्रमुख अंश …
डियाजियो द्वारा अधिग्रहण के बाद यूएसएल आज भारत में कहां है?
अधिग्रहण के बाद हम नौवें वर्ष में जा रहे हैं। यूएसएल तीन वजहों से डियाजियो के लिए खास है – पहला, भारत दुनिया की सबसे युवा, ज्यादा आबादी वाली और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगी। हम हर साल दो करोड़ नए वैध पेय उपभोक्ता सृजित करते हैं। इसका मतलब यह है कि दुनिया की 25 प्रतिशत आबादी शराब पीने की कानूनी उम्र 21 साल की हो जाती है। तो, यह अपने आप में एक मजबूत वजह है कि भारत डियाजियो के लिए रणनीतिक और दीर्घकालिक बाजार है। दूसरी वजह से संपन्नता में वृद्धि। आखिर में जहां तक मादक पेय पदार्थों की बात है, तो हम उस मोड़ पर हैं, जहां उपभोग के रुझान नई पेशकश तैयार करने के लिए अर्थव्यवस्था में नवोन्मेष को बढ़ावा दे रहे हैं, जो भारतीय प्रामाणिकता और शिल्प में निहित हैं।
अपना पोर्टफोलियो मजबूत करने के लिए आपकी क्या रणनीति है?
यूएसएल हमारे पोर्टफोलियो को प्रीमियम बनाने पर केंद्रित है। मूल रूप से हमने कारोबार की मात्रा पर ध्यान देना छोड़ दिया है और अपने कारोबार के मूल्य पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया है। तो, मैकडॉवेल्स नंबर 1 से शुरू होने वाली जॉनी वॉकर और टालिस्कर जैसी प्रतिष्ठा और उससे ऊपर की हर चीज मात्रा-संचालित कारोबार के बजाय हमारे मूल्य-संचालित पोर्टफोलियो का हिस्सा है। हमारा दृष्टिकोण उपभोक्ताओं के साथ काम करना और उन्हें बेहतर चीज पिलाने में मदद करना है, न कि ज्यादा पिलाने में। ऐसा नहीं है कि हम बाजार में मात्रा बढ़ा रहे हैं, बल्कि बाजार में बेहतर पेशकश ला रहे हैं।
अमृत जैसे कई उभरते घरेलू ब्रांडों के साथ प्रतिस्पर्धा कैसी दिख रही है?
भारत कई अच्छे घरेलू ब्रांडों वाला देश है। व्हिस्की में अमृत, पॉल जॉन, इंद्री और रामपुर हैं। पिछली गणना के अनुसार बाजार में तकरीबन 30 अलग-अलग भारतीय सिंगल माल्ट थे। फिर जिन श्रेणी है, जिसकी क्रांति भारत में लगभग आठ साल पहले शुरू हुई थी। इसके अलावा हम रम की आवक देख रहे हैं, जो पूरी तरह से भारत में तैयार की जाती है। आज हमारे पास अकेले बेंगलूरु में ही तकरीबन 100 और पूरे भारत में लगभग 800 माइक्रोब्रुअरीज हैं। प्रतिस्पर्धा के लिहाज से, हम न केवल प्रतिस्पर्धा को, बल्कि एल्कोबेव क्षेत्र के स्वस्थ विकास को भी देखते हैं। इसलिए भारत में हमारी भूमिका केवल ऑर्गैनिक पेशकश के संबंध में ही नहीं है, बल्कि एल्कोबेव को एक क्षेत्र के रूप में विकसित करने में मदद करने के लिए स्टार्टअप तंत्र का पोषण करना भी है।
नॉन-अल्कोहलिक पेय क्षेत्र में आपकी विस्तार योजनाएं क्या हैं?
नॉन-अल्कोहलिक स्पिरिट की हमारी परिभाषा में स्पिरिट का विकल्प शामिल है। मसलन सीडलिप वैश्विक ब्रांड है, जो नॉन-अल्कोहलिक डिस्टिल्ड स्पिरिट है, जिसे हरी मटर और वनस्पति से मथा जाता है। नॉन-अल्कोहलिक स्पिरिट की हमारे उत्पादों में टैनकेरे, गिनीज और गॉर्डर्स शामिल हैं। भारत में हमने वास्तव में नॉन-अल्कोहलिक स्पिरिट श्रेणी में बड़े स्तर पर प्रवेश नहीं किया है। हमने परीक्षण के रूप में अपने वितरक के जरिये सीडलिप पेश किया है। हमारा मानना है कि भारत में नॉन-अल्कोहलिक स्पिरिट का चलन बढ़ रहा है, निश्चित रूप से हम इस पर करीब से नजर रख रहे हैं और बाजार के लिए उपयुक्त उत्पाद का मूल्यांकन कर रहे हैं।
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में आपका ध्यान किस पर है?
डियाजियो इंडिया स्थानीय रत्नों और वैश्विक दिग्गजों से बनी है। स्थानीय रत्नों में रॉयल चैलेंजर्स या सिग्नेचर के साथ-साथ मैकडॉवेल्स नंबर 1 शामिल है, जो मात्रा के लिहाज से दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाली व्हिस्की है। वैश्विक दिग्गजों में जॉनी वॉकर और स्मिरनॉफ जैसे ब्रांड शामिल हैं। इसलिए हम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही बाजारों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।