इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि (Infosys Chairman Nandan Nilekani) ने कहा कि उन्हें वृहद आर्थिक चिंताओं के बावजूद लागत अनुकूल सौदे, ग्राहकों के बीच डिस्क्रेशनरी खर्च की प्रवृति और बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि जारी रहने का भरोसा है, भले ही कंपनियां टेक्नॉलजी के बदलते स्वरूप को अपनाने की चुनौतीपूर्ण राह पर तेजी से बढ़ रही हैं।
नीलेकणि ने माना कि एआई अपनी सभी संभावनाओं और क्षमताओं के साथ अनिश्चितता का माहौल पैदा करता है, लेकिन वे इसे खतरे के रूप में नहीं देखते। उनके अनुसार, वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) भी इसे खतरे के रूप में नहीं देखते।
बुधवार को कंपनी की 44वीं सालाना आम बैठक (एजीएम) में नीलेकणि ने कहा, ‘एआई और जीसीसी विकास की नई लहर हैं, खतरे नहीं। इससे नवाचार को बढ़ावा मिल रहा है। हम उन्हें प्रतिस्पर्धियों के रूप में नहीं देखते हैं। जीसीसी हमारे लिए क्लाइंट भी हैं।’ हालांकि, इन्फोसिस ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में जीसीसी को एक प्रमुख/उभरते जोखिम के रूप में चिन्हित किया है।
उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 2025 अनिश्चितता भरे मौजूदा समय में क्रियान्वयन के संदर्भ में इन्फोसिस के लिए एक मजबूत वर्ष रहा है।’ टैरिफ के प्रभाव, सुस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था और दुनियाभर में भूराजनीतिक तनाव से सभी क्षेत्रों में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हुई है और आईटी क्षेत्र भी इससे अलग नहीं है।