अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस नैचुरल रिसोर्सेस (आरएनआरएल) ने बंबई उच्च न्यायालय से आग्रह किया है कि कृष्णा-गोदावरी बेसिन से रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) द्वारा गैस बिक्री पर रोक नहीं हटाई जाए।
मुकेश अंबानी की आरआईएल ने उच्च न्यायालय से रोक हटाने की मांग की है और दावा किया है कि अगले महीने से गैस उत्पादन की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
मई 2007 में बंबई उच्च न्यायालय ने अंतरिम आदेश देते हुए आरआईएल को कहा था कि कृष्णा गोदावरी बेसिन से 4 करोड़ घनमीटर प्रति दिन के उत्पादन के लिए एनटीपीसी और आरएलआरएल के अलावा तीसरी पार्टी न बनाएं।
दोनों कंपनियां आरआईएल से 2.34 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की दर से आरआईएल से गैस लेने की इच्छा जता रही है, जबकि सरकार ने इसकी कीमत 4.20 रुपये प्रति एमएमबीटीयू निर्धारित की है। आरएनआरएल ने यह भी कहा है कि शुरूआती गैस एनटीपीसी को दिया जाए।
आरएनआरएल के वकील राम जेठमलानी ने कहा कि ईजीओएम के कारण एनटीपीसी को आरआईएल को 30,000 करोड़ रुपये ज्यादा अदा करने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह सत्यम से कई गुना बड़ा घोटाला होगा।
आरएनआरएल और मुकेश अंबानी की आरआईएल के बीच अनिल अंबानी की गैस आधारित दादरी बिजली परियोजना के लिए हुए गैस आपूर्ति संबंधी समझौते की शर्तों पर कानूनी संघर्ष चल रहा है।
दो सप्ताह पहले सरकारी वकील मोहन पारासरन ने अदालत में कहा था कि उच्च अधिकार प्राप्त मंत्रिसमूह (ईजीओएम) ने फैसला किया है कि केजी बेसिन के गैस के लिए न्यूनतम कीमत 4.20 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू होगी।
पारासरन ने कहा था कि यह आरआईएल और एनटीपीसी के बीच हुए आपूर्ति से संबंधित समझौते पर भी लागू होगा। एनटीपीसी-आरआईएल समझौते के मुताबिक, बिजली कंपनी को 2.34 डॉलर एमएमबीटीयू के आधार पर गैस मिलना है।
आरएनआरएल भी इसी मूल्य पर गैस खरीदना चाहती है। अदालत में कहा गया कि एनटीपीसी को 4.20 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से कम दर पर गैस नहीं मिलेगी।