बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को एक याचिका के संबंध में नोटिस जारी किया है। इस याचिका में जीएसटी कानून के उस प्रावधान को असंवैधानिक करार देने की मांग की गई है जो अधिकारियों को रिएल एस्टेट में वक्र्स कॉन्ट्रैक्ट सेवाओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को अवरुद्घ करने की शक्ति देता है।
याची चल और अचल संपत्तियों को किराये और पट्टे पर देने का काम करता है। उसने केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) अधिनियम की धारा 17(5)(सी) को चुनौती दी है। उसने महाराष्ट्र जीएसटी अधिनियम में भी इसी धारा को चुनौती दी है। इस धारा में संयंत्र और मशीनरी के अलावा अचल संपत्ति के निर्माण के लिए वक्र्स कॉन्ट्रैक्ट सेवा पर इनपुट टैक्स क्रेडिट देने की मनाही है लेकिन वक्र्स कॉन्ट्रैक्ट की और आपूर्ति के लिए इनपुट सेवा पर यह रोक नहीं है। वक्र्स कॉन्ट्रैक्ट अनिवार्य रूप से सेवा का ऐसा ठेका है जिसमें ठेके के क्रियान्वयन में सामानों की आपूर्ति को भी शामिल किया जा सकता है। याची ने एक कंपनी के साथ उसे पट्टे पर सुसज्जित परिसर मुहैया कराने के लिए मास्टर किराया समझौता किया था। याची ने परिसर को तैयार करने के लिए वक्र्स कॉन्ट्रैक्ट सेवाओं की खरीद की थी।
कानून की उक्त धारा के मुताबिक याची द्वारा उपयोग किए गए वक्र्स कॉन्ट्रैक्ट सेवाओं पर आईटीसी देने से इनकार कर दिया गया।