कोवैक्सीन की विनिर्माता भारत बायोटेक ने कहा है कि उनके कोविड-19 टीके के तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण डेटा का विस्तृत विश्लेषण जुलाई तक सार्वजनिक कर दिया जाएगा। खबरों के अनुसार कंपनी टीकों की वास्तविक जगत की कारगरता का आकलन करने के लिए चौथे चरण का परीक्षण भी कर रही है।
भारत बायोटेक में कोविड-19 टीकों के परियोजना प्रमुख रैचेज एल्ला ने ट्वीट की एक शृंखला में कहा कि उनके तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण (नमूना आकार 25,800) के अंतिम वॉलंटियर को मार्च के मध्य में टीका लगाया गया था। एल्ला ने कहा कि सभी वॉलंटियर के लिए जरूरी दो महीने के सुरक्षा फोलो-अप का अनिवार्य सीडीएससीओ/एफडीए हमें मई के मध्य में मिला। उन्होंने दावा किया कि विकासशील जगत में किया गया यह सबसे बड़ा कारगरता परीक्षण था। कंपनी ने कहा कि उसके पास मई के मध्य तक के गुणवत्ता जांच और विश्लेषण के पर्याप्त डेटा हैं।
एल्ला ने अब तक प्राप्त आंकड़ों पर भी विस्तार से बताया – 25,800 प्रतिभागियों में से प्रत्येक के 30 अलग-अलग प्रकार हैं। व्यक्तिगत डेटा प्वाइंट 70 लाख हैं। एल्ला ने कहा कि दूसरी लहर के बीच अनुपालन सुनिश्चित करने वाले साहसी जांचकर्ताओं और फील्ड स्टाफ (350) की वजह से 2.1 लाख गुणवत्ता जांच पूरी की जा चुकी है।
भारत बायोटेक और भारतीय चिकित्सा शोध परिषद (आईसीएमआर) ने मिलकर कोवैक्सीन विकसित किया है। ऐल्ला ने कहा, ‘पूर्वग्रह का शिकार होने से बचने के लिए भारत बायोटेक एवं आईसीएमआर किसी आंकड़े की समीक्षा नहीं कर सकता। हमारी सेवा प्रदाता आईक्यूवीआईए ने अंतिम सांख्यिकी विश्लेषण शुरू कर दिया है। टीके के असरदार होने और और इसके सुरक्षित होने संबंधी आंकड़े सीडीएससीओ को भेजे जाएंगे और इसके तत्काल बाद ये प्री-पिंट सर्वर तक पहुंच जाएगा। तथ्यों के आधार पर इनकी पड़ताल करने में 2 से 4 महीने लग जाते हैं।’
कोवैक्सीन पर भारत बायोटेक का यह दसवां संस्करण होगा। कोवैक्सीन आपात स्थिति में इस्तेमाल होने वाले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के टीकों की सूची में शामिल नहीं है। कंपनी अपने टीक के इस्तेमाल की अनुमति के लिए डब्ल्यूएचओ को आंकड़े सौंप रही है। भारत बायोटेक ने कहा है कि उसे जुलाई से सितंबर के बीच डब्ल्यूएचओ से इसकी अनुमति मिल जाने की उम्मीद है।
इस बीच, समाचार एजेंसी एएनआई ने खबर दी है कि भारत बायोटेक टीके के असर का मोटे तौर आकलन करने के लिए चौथा परीक्षण शुरू कर दिया है। जिन टीकों को इस्तेमाल की अनुमति मिल गई है उनके विनिर्माता रीयल-वल्र्ड डेटा का अध्ययन करने के लिए विपणन के बाद अध्ययन करती है।
