सोमवार को लगातार पांचवें दिन डॉलर के मुकाबले रुपये में मजबूती आई है। डीलरों ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने कारोबार समाप्त होने के पहले डॉलर की खरीदारी करके विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप किया, जिससे स्थिति बदली। वहीं दूसरी ओर सरकार के बॉन्ड की यील्ड घटी है। ट्रेडर्स ने आकर्षक स्तर पर गिल्ट्स का स्टॉक जारी रखा है। सरकार के 10 साल के बेंचमार्क बॉन्ड की यील्ड 5 आधार अंक गिरकर 6.32 पर बंद हुई। यह 9 नवंबर, 2021 के बाद का निचला स्तर है।
एक प्राइमरी डीलरशिप में डीलर ने कहा, ‘हर कोई, जो जी-सेक में निवेश कर सकता है, ऐसा कर रहा है। क्योंकि यील्ड में आगे और गिरावट आने की संभावना है।’ इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘बेंचमार्क बॉन्ड पर यील्ड 6.30 प्रतिशत के आसपास रह सकती है। इस स्तर के बाद गिरावट की रफ्तार सुस्त रहेगी।’
दिन के दौरान रुपया मजबूत होकर 85.04 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया। डॉलर सूचकांक में गिरावट और विदेशी आवक से इसे मजबूती मिली। बहरहाल सरकारी बैंकों ने रिजर्व बैंक की ओर से डॉलर की खरीदारी की, जिससे यह 85.14 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। इसके पहले रुपया 85.38 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। डॉलर सूचकांक 1.13 प्रतिशत गिरकर 98.10 पर आ गया, जो अप्रैल 2022 के बाद का निचला स्तर है। इससे 6 प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की स्थिति का पता चलता है।
एक सरकारी बैंक से जुड़े डीलर ने कहा, ‘हम आवक देख रहे हैं। साथ ही डॉलर कमजोर हुआ है, जो रुपये के लिए सकारात्मक है।’ उन्होंने कहा, ‘जैसा कि हमने उम्मीद की थी, रिजर्व बैंक इन स्तरों पर हस्तक्षेप कर रहा है।’
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू कैलेंडर वर्ष में अब तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 37 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। वर्ष के दौरान डॉलर के कमजोर होने और विदेश से धन आने के कारण विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां बढ़ी हैं। एक प्राइवेट बैंक के डीलर ने कहा, ‘पुनर्मूल्यांकन एक वजह है। रिजर्व बैंक भी रुपया 85 से नीचे आने पर डॉलर खरीद रहा है। खरीदारी के लिए 85 रुपये प्रति डॉलर और 85.50 रुपये प्रति डॉलर बेहतर स्तर है।’ उधर बॉन्ड डीलरों ने कहा कि अमेरिकी यील्ड की अस्थिरता वाले वैश्विक परिदृश्य के बावजूद घरेलू ऋण बाजार घरेलू संकेतों पर नजर रखता नजर आ रहा है।