खुदरा बाजार में भी प्याज के भाव अब तेजी से बढ़ने लगे हैं। बीते दो सप्ताह के दौरान प्याज के खुदरा दाम 13 से 37 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। थोक भाव 50 फीसदी चढ़े हैं।
सरकार ने भी प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए इसके निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाने के साथ आज से रियायती दर पर प्याज बेचना शुरू कर दिया है। निर्यात शुल्क से खफा मुख्य प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की अहम मंडी लासलगांव में कारोबारियों ने आज प्याज की नीलामी बंद कर दी।
दो सप्ताह के दौरान खुदरा बाजार में 37 फीसदी तक महंगा हुआ प्याज
उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार दो सप्ताह पहले देश भर में प्याज की औसत खुदरा कीमत 27.77 रुपये थी, जो अब बढकर 31.40 रुपये किलो हो गई है। इस दौरान दिल्ली में औसत खुदरा कीमत 30 रुपये से बढ़कर 37 रुपये, मुंबई में 24 रुपये से बढ़कर 31 रुपये, लखनऊ में 25 रुपये से बढ़कर 34 रुपये प्रति किलो हो गई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के विभिन्न शहरों के खुदरा बाजारों में प्याज 11 रुपये से लेकर 67 रुपये किलो बिक रही है। सबसे महंगी प्याज मिजोरम Lawngtlai में 67 रुपये किलो बिक रही है। इस महीने मंडियों में प्याज के थोक भाव 50 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। लासलगांव मंडी में एक अगस्त को प्याज की मॉडल कीमत (इस भाव ज्यादातर बिक्री होती है) 1,370 रुपये थी, जो 19 अगस्त को बढ़कर 2,050 रुपये क्विंटल हो गई।
सरकार ने दाम नियंत्रित करने आज से 25 रुपये किलो रियायती दर पर बिक्री शुरू की
केंद्र सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (NCCF) व नेफेड के माध्यम से उपभोक्ताओं को सस्ती प्याज उपलब्ध कराने के लिए आज से राष्ट्रीय राजधानी में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर सरकारी ‘बफर स्टॉक’ से इसकी खुदरा बिक्री शुरू कर दी है। सरकार ने पहले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 3 लाख टन प्याज का ‘बफर स्टॉक’ का लक्ष्य रखा था, जिसे अब दो लाख टन और बढ़ा दिया है। जिससे अब कुल 5 लाख टन प्याज का ‘बफर स्टॉक’ होगा।
निर्यात शुल्क से खफा महाराष्ट्र के कारोबारी व किसान, लासलगांव मंडी में नीलामी बंद की
केंद्र सरकार ने प्याज की महंगाई को नियंत्रित करने के लिए घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगा दिया है। इससे मुख्य प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के किसान व कारोबारी नाराज हो गए हैं। महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में आज प्याज की नीलामी बंद रही।
भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष श्री राम गाढवे कहते हैं इस साल किसानों को प्याज की बाजिव कीमत नहीं मिली है, अब जब अच्छी कीमत मिलनी शुरू हुई तो सरकार ने निर्यात शुल्क लगा दिया। जिससे किसानों को अच्छी कीमत मिलने में दिक्कत होगी।