तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग ऐंड एनालिसिस सेल (PPAC) के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में देश की ईंधन की खपत बढ़कर करीब 200.54 लाख टन हो गई, जो 7 महीने का शीर्ष स्तर है।
दिसंबर महीने में कुल खपत नवंबर के 188.9 लाख टन की तुलना में 6.2 प्रतिशत बढ़ी है। यह एक साल पहले की तुलना में करीब 2.6 प्रतिशत ज्यादा है।
LSEG में विश्लेषक एहसान उल हक ने कहा, ‘त्योहार के मौसम की वजह से मांग हाल के महीनों में तेजी से बढ़ी है। मांग में बढ़ोतरी जारी रहेगी, लेकिन यह सुस्त रह सकती है क्योंकि 2023 मजबूत साल रहा है।’
मुख्य रूप में ट्रकों और कमर्शियल उपयोग के वाहनों में इस्तेमाल होने वाले डीजल की बिक्री पिछले महीने की तुलना में 0.9 प्रतिशत बढ़कर 76 लाख टन हो गई है। वहीं दिसंबर में पेट्रोल की बिक्री इसके पहले के महीने की तुलना में 4.5 प्रतिशत कम होकर 29.9 लाख टन रह गई है।
दिसंबर में स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों की बिक्री बढ़ी है, जबकि भारी छूट के बावजूद छोटी कारों की बिक्री कम हुई है।
हक ने कहा, ‘कार की बिक्री मजबूत है, जिसकी वजह से मांग बेहतर रहेगी, लेकिन नई कारों में ईंधन की खपत कम हो रही है। कारों पर कुछ प्रतिबंध लगने का भी असर भी पड़ सकता है, लेकिन फरवरी से स्थिति सुधरेगी।’
सड़क बनाने के काम आने वाले तारकोल की बिक्री नवंबर की तुलना में 12.9 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं फ्यूल ऑयल का इस्तेमाल दिसंबर में 9.6 प्रतिशत बढ़ा है।
रसोई गैस की बिक्री 5.6 प्रतिशत बढ़कर 26.3 लाख टन हो गया है, जबकि नाफ्था की बिक्री 27.9 प्रतिशत बढ़कर करीब 13.3 लाख टन हो गई है।