गन्ने के मूल्य पर अंतरिम फैसले से इनकार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 4:04 AM IST

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) की एक याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित गन्ने के राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) पर अंतरिम रोक लगाने से साफ मना कर दिया। इस मामले की सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी।


न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि न्यायालय मामले की पूरी सुनवाई करने के बाद अंतिम फैसला देगा। खंडपीठ ने इस संबंध में अंतरिम फैसला देने से मना कर दिया।

मंगलवार को कोर्ट में सभी पक्षों ने अपने-अपने तर्कों  के समर्थन में हलफनामे जमा किए। इस बीच किसान मजूदर संघ के नेता वी एन सिंह ने इस मामले में खुद को पक्ष मानने के लिए कोर्ट के सामने एक आवेदन जमा किया।

सूत्रों के मुताबिक, संघ कोर्ट को इस बात की सूचना देगा कि राज्य की कई मिलों ने घोषित एसएपी को मान लिया है। इस मामले की सुनवाई जारी रहेगी। मालूम हो कि इस महीने की 4 तारीख को इस्मा ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 18 अक्टूबर को घोषित गन्ने की एसएपी को कोर्ट में चुनौती दी थी।

मिलों का आरोप है कि सरकार ने अपनी मनमर्जी से गन्ने की कीमतें तय की हैं, जबकि पिछले दो साल में गन्ना मिलों को काफी नुकसान पहुंचा है। सरकार ने नुकसान का आकलन किए बगैर कीमतें घोषित कर दी और इसके मुताबिक कीमतें अदा करना मिलों के बस की बात नहीं है।

मालूम हो कि इस साल सरकार ने गन्ने की सामान्य क्वालिटी की एसएपी पिछले साल से 15 रुपये बढ़ाकर 140 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। मिलों का कहना है कि महज 112 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गन्ने की कीमत अदा करना ही उनके बूते में है।

इस्मा का कहना है कि इस समय देश का उद्योग काफी बुरे दौर से गुजर रहा है। ऐसे में मिलों के लिए घोषित एसएपी के हिसाब से कीमतें चुकाना उनके बूते में नहीं है। गौरतलब है कि पिछले साल भी गन्ना मूल्य भुगतान से जुडे मामले हाईकोर्ट से होता हुआ सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था।

पिछले साल उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने का एसएपी 125 रुपये प्रति क्विंटल तय  किया था। जिसके विरोध में मिल मालिक हाईकोर्ट चले गए थे। मिल मालिकों के समर्थन में फैसला आने पर प्रदेश?सरकार ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। और अंत मे में मामला सुप्रीम कोर्ट तक

First Published : November 18, 2008 | 11:18 PM IST