लेखक : सचिन मामपट्टा

आज का अखबार, बाजार, शेयर बाजार

सॉवरिन वेल्थ और पेंशन फंड ने दूसरे FPI को पीछे छोड़ा, लॉन्ग टर्म निवेशक भारत में बढ़ा रहे निवेश

दीर्घाव​धि निवेशक भारत में अपना निवेश बढ़ा रहे हैं। पिछले पांच साल में सरकारों के नियंत्रण वाली संस्थाओं – सॉवरिन वेल्थ फंडों और पेंशन फंडों ने दूसरे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की तुलना में अपने नियंत्रण वाली इ​क्विटी परिसंप​त्तियों में ज्यादा वृद्धि दर्ज की है। कुल मिलाकर अगस्त 2020 से एफपीआई परिसंप​त्तियों में 139.5 प्रतिशत […]

आज का अखबार, बीमा, म्युचुअल फंड

IPO एंकर निवेश में म्युचुअल फंड कंपनियां बीमा से आगे, SEBI के सुधारों से मिला नया सहारा

हाल की तिमाहियों में आईपीओ लाने वाली कंपनियों ने बीमा कंपनियों के मुकाबले म्युचुअल फंडों को करीब चार गुना शेयर आवंटित किए हैं। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक, पिछली चार तिमाहियों में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में एंकर निवेशकों के तौर पर म्युचुअल फंडों ने 21,976 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसकी तुलना में […]

आज का अखबार, बाजार

नई SME लिस्टिंग जारी, मगर कारोबारी गतिविधियां कम; BSE-NSE पर सौदों में गिरावट

छोटे व मझोले उद्यमों (एसएमई) के शेयरों में वैसी ट्रेडिंग नहीं हो रही जैसी नई सूचीबद्धता हो रही है। इन गतिविधियों का आकलन निष्पादित सौदों की संख्या, जिन कंपनियों के शेयरों का लेन-देन हुआ है, सौदे वाले शेयरों की संख्या तथा सौदों के मूल्य के औसत से किया जा सकता है। हालांकि जिन कंपनियों के […]

उद्योग, कंपनियां, समाचार

बड़ी कंपनियां बिजली के खर्च में बचा रहीं करोड़ों, जानें 20 साल में कैसे बदली तस्वीर

भारत में लंबे समय से मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए महंगी बिजली और ईंधन बड़ी समस्या रहे हैं, लेकिन अब इसकी कीमतें धीरे-धीरे कम हो रही हैं। CMIE के आंकड़ों के अनुसार, 2024–25 में कंपनियों का बिजली और ईंधन पर खर्च कुल बिक्री का सिर्फ 1.98% था, जो पिछले 20 साल में सबसे कम है। अप्रैल-जून […]

आज का अखबार, कंपनियां, समाचार

रॉयल्टी भुगतान 16 साल के निचले स्तर पर, माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स की सतर्कता बढ़ी

वित्त वर्ष 2024-25 में नियामक जांच-परख बढ़ने और संस्थागत विरोध के बीच कंपनियों के रॉयल्टी भुगतान में कटौती की आशंका है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के आंकड़ों से पता चलता है कि रॉयल्टी और तकनीकी विशेषज्ञता का भुगतान उत्पादित वस्तुओं के मूल्य के सापेक्ष वित्त वर्ष 2010 के बाद से सबसे कम रहा […]

ताजा खबरें, बाजार, शेयर बाजार, समाचार

नॉन कम्प्लायंस के चलते करीब 450 प्रमोटर्स के डीमैट खाते हुए जब्त

पिछले वर्ष के दौरान गैर-अनुपालन की वजह से प्रवर्तकों के जब्त डीमैट खातों में वृद्धि हुई है। स्टॉक एक्सचेंजों ने ऐसे ज्यादा खाते जब्त किए हैं। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की 12 अगस्त को जारी 2024-25 की सालाना रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, बीएसई ने 457 कंपनियों के प्रवर्तकों के डीमैट खाते फ्रीज […]

आज का अखबार, बाजार, म्युचुअल फंड

डायरेक्ट म्युचुअल फंड में सलाह पर निवेश तेजी से बढ़ा, 18 महीनों में 65% तक हुई बढ़ोतरी

म्युचुअल फंडों के डायरेक्ट प्लान में सलाह पर किए जाने वाले निवेश की हिस्सेदारी पिछले 18 महीनों में बढ़ी है। यह वृद्धि निवेशकों की तरफ से अपने आप किए जाने वाले निवेश के मुकाबले तेजी से हुई है। निवेश सलाहकारों या पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सेवा प्रदाताओं के जरिये डायरेक्ट स्कीम में निवेश करने वालों ने अपनी […]

आज का अखबार, कंपनियां, समाचार

कंपनियों के AGM में शेयरधारकों की घट रही मौजूदगी, भागीदारी 2019 के मुकाबले 5 से 8 गुना कम हुई

कंपनियों की वा​र्षिक आम बैठक (एजीएम) के प्रति शेयरधारकों की दिलचस्पी घट रही है। साल 2025 के शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि हर 10,000 शेयरधारकों में से महज एक ने ही एजीएम में भाग लिया, जबकि साल 2019 में यह आंकड़ा 5 से 8 गुना अधिक था। एजीएम में शेयरधारकों की मौजूदगी में […]

आज का अखबार, बाजार

देसी फर्मों की विदेशी सूचीबद्धता में सुस्ती

भारतीय कंपनियों ने पिछले छह वर्षों में इक्विटी की विदेशी सूचीबद्धता के जरिये पूंजी नहीं जुटाई है। यह उदारीकरण के बाद का सबसे लंबा अंतराल है। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार इस जरिये से रकम जुटाने का आखिरी मामला 2018 में हुआ था। साल 1992 से 2016 तक लगभग हर साल विदेश में घरेलू […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, कंपनियां, भारत, समाचार

तकनीक के जरिये काफी कम समय में तैयार हो रहे उत्पाद, WIP चक्र न्यूनतम स्तर पर

कंपनियों को कच्चे माल से तैयार उत्पाद बनाने में लगने वाले दिनों की संख्या पिछले कई वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच गई है। वर्क इन प्रोग्रेस साइकल (डब्ल्यूआईपी चक्र) यानी उत्पाद तैयार करने में लगने वाली अवधि वित्त वर्ष 2024-25 में घटकर 14.2 दिनों की रह गई है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) […]