बैंकों के नियमन में नियामकीय संतुलन
दुनिया के अधिकांश देशों खासकर भारत जैसे उभरते देशों में वित्तीय क्षेत्र पर बैंकों का दबदबा है। बैंक महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि वे अपनी पहुंच के जरिये वित्तीय समावेशन को गति देते हैं, ऋण को वांछित क्षेत्रों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते हैं और सरकारों को विभिन्न लक्ष्य पाने में सहायता करते हैं। बैंकों के […]
एनबीएफसी से जुड़ी चिंताओं पर रिजर्व बैंक गंभीर
असुरक्षित उपभोक्ता ऋण पर जोखिम भार बढ़ाने के भारतीय रिजर्व बैंक के निर्णय से एनबीएफसी पर दोधारी तलवार लटक गई है। बता रहे हैं अजय त्यागी और रचना बैद गै र-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) पिछले कुछ समय से गलत कारणों से चर्चाओं में रही हैं। सेंटर फॉर एडवांस्ड फाइनैंशियल रिसर्च ऐंड लर्निंग ने हाल में […]
बैंकिंग और म्युचुअल फंड एक साथ होने के जोखिम
म्युचुअल फंड के क्षेत्र में बैंकों का दबदबा वित्तीय स्थिरता को लेकर कई प्रश्न उत्पन्न करता है जिनके जवाब सावधानीपूर्वक देने की आवश्यकता है। बता रहे हैं अजय त्यागी और रचना वैद भारत के लिए म्युचुअल फंड का कारोबार सही साबित हुआ है। फिलहाल देश में 43 म्युचुअल फंड हैं जो 14.74 करोड़ पोर्टफोलियो की […]
भारी भरकम लाभांश कहीं आगे बन न जाए मुसीबत
बाजार में इस समय लाभांश की झड़ी लगी हुई है। खासकर, पिछली कुछ तिमाहियों में यह सिलसिला काफी बढ़ गया है। हाल में इस समाचार पत्र में एक खबर प्रकाशित हुई थी कि कई कंपनियों का लाभांश अनुपात काफी बढ़ा है और कुछ ने तो वित्त वर्ष 2023 में दोगुना लाभांश बांटे हैं। यह खबर […]