इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति (Infosys Founder) की पारिवारिक कंपनी कैटामारन (catamaran) ने भविष्य में अपने पोर्टफोलियो निवेश पर 15 प्रतिशत प्रतिफल का लक्ष्य रखा है, क्योंकि उसने अपना ध्यान शुरुआती चरण के निवेश से लेकर विकास और बाद के चरण में किए जाने वाले निवेश पर केंद्रित किया है।
इससे कंपनी की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) अगले पांच साल के दौरान मौजूदा 1 अरब डॉलर से बढ़कर 2 अरब डॉलर हो जाएंगी।
कैटामारन के अध्यक्ष दीपक पदाकी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘प्रत्यक्ष निवेश के लिए, हम वृद्धि-केंद्रित निवेश पर ध्यान दे रहे हैं और शुरुआती चरण में बेहद चयनशील नजरिया अपना रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘ऐसा मुख्य तौर पर इसलिए है क्योंकि भारत में पिछले तीन-चार वर्षों में अर्ली-स्टेज स्पेस पूरी बदल बदल गया है। पिछले दो साल में पूंजी का व्यापक प्रवाह दिखा है। यह शुरुआती निवेश के लिए बेहद व्यस्त क्षेत्र बन गया है।’
पिछले करीब 30 साल से इन्फोसिस के साथ जुड़े दीपक को वर्ष 2022 में कैटामारन का अध्यक्ष बनाया गया था। बेंगलूरु में मुख्यालय वाली कैटामारन के टीम सदस्यों की संख्या 15 है।
उन्होंने कहा, ‘हम सभी परिसंपत्ति वर्गों पर ध्यान दे रहे हैं, चाहे यह निजी हो या सार्वजनिक बाजार। अब निर्माण क्षेत्र में अवसरों की पहचान के लिए निजी क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।’
निर्माण पर सरकार द्वारा जोर दिए जाने और डीपटेक के प्रति निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी के बीच यह निवेश फर्म अपनी वृद्धि का लक्ष्य हासिल करने के लिए इन क्षेत्रों पर बड़े दांव लगा रही है।
दीपक का कहना है, ‘पारंपरिक तौर पर, निर्माण ऐसा क्षेत्र नहीं है जिसमें ज्यादा उद्यम पूंजी निवेश को लेकर दिलचस्पी देखी गई हो, क्योंकि इसमें परियोजनाएं पूरी होने में लंबा समय लगता है।’
उनका कहना है, ‘हमें निर्माण तंत्र तैयार करना चाहिए। जिस तरह से पिछले समय में आईटी सेवाओं की लहर थी, उसी तरह भारत में अगली बड़ी लहर निर्माण क्षेत्र से आनी चाहिए। हमारी जैसी निवेश कंपनी इस दिशा में बेहतर मदद कर सकती है।’
निर्माण क्षेत्र में कंपनी इलेक्ट्रॉनिक निर्माण आपूर्ति श्रृंखला, इलेक्ट्रिक वाहन कलपुर्जा आपूर्ति श्रृंखला क्षेत्र और अक्षय ऊर्जा जैसे उप-क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगी। उनका कहना है, ‘आगामी निर्माण थोड़ा अलग है। इसमें तकनीकी इस्तेमाल और स्वचालन ज्यादा है, जिसमें हम अपने प्रौद्योगिकी तंत्र का लाभ उठा सकते हैं।’