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गूगल सेवाओं में मिलेगी एजेंटिंक एआई सुविधा

कंपनी ने ‘प्रोजेक्ट मैरिनर’ नाम से शुरुआती शोध जारी किया था, जिसका उद्देश्य ऐसे एजेंटों पर काम करना था, जो वेब के साथ संवाद कर सकें और उपयोगकर्ताओं के लिए काम कर सकें।

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आशीष आर्यन   
Last Updated- May 21, 2025 | 11:23 PM IST

गूगल के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई ने कहा है कि कंपनी अपनी विभिन्न सेवाओं में शीघ्र ही एजेंटिक आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) क्षमताएं जोड़ेगी। गूगल की जिन सेवाओं में यह सुविधा शुरू की जा रही, उनमें सर्च, क्रोम और जेमिनाई ऐप शामिल है।

गूगल आई/ओ डेवलपर कॉन्फ्रेंस में अपने भाषण के दौरान पिचाई ने कहा कि कंपनी जल्द ही जेमिनाई ऐप में नए ‘एजेंट मोड’ की शुरुआत करेगी जो उपयोगकर्ताओं को बेहतर व्यक्तिगत नतीजे देने में मदद करेगा। पिचाई गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट के सीईओ भी हैं। पिछले साल दिसंबर में कंपनी ने ‘प्रोजेक्ट मैरिनर’ नाम से शुरुआती शोध जारी किया था, जिसका उद्देश्य ऐसे एजेंटों पर काम करना था, जो वेब के साथ संवाद कर सकें और उपयोगकर्ताओं के लिए काम कर सकें।

पिचाई ने कहा, ‘हम प्रोजेक्ट मैरिनर की कंप्यूटर उपयोग क्षमताओं को जेमिनाई एपीआई के माध्यम से डेवलपर तक ला रहे हैं। ऑटोमेशन एनिव्हेयर और यूआईपाथ जैसे विश्वसनीय टेस्टर पहले से ही इसका इस्तेमाल कर निर्माण शुरू कर रहे हैं और यह इसी गर्मी के सीजन में अधिक व्यापक रूप से उपलब्ध होगा।’

पिचाई ने कहा कि एजेंटिक एआई क्षमताओं के अलावा, गूगल का जेमिनाई उपयोगकर्ताओं की अनुमति के साथ अधिक प्रासंगिक और व्यक्तिगत संदर्भ के हिसाब से सेवाएं देने के लिए गूगल ऐप्स से डेटा का इस्तेमाल करना शुरू कर देगा। उदाहरण के तौर पर जेमिनाई जीमेल, ड्राइव, डॉक्स और कैलेंडर जैसे ऐप में प्रासंगिक संदर्भ खोज पाएगा और उसके हिसाब से ही ऐसे जवाब तैयार करेगा जो किसी विशेष उपयोगकर्ता के लिए अधिक प्रासंगिक हों।

उन्होंने कहा, ‘यह आपके सामान्य अभिवादन के तरीके से भी मेल खाएगा और आपके लहजे, शैली और यहां तक कि पसंदीदा शब्दों के चुनाव को भी ध्यान में रखेगा। इन सबको मिलाकर ऐसे जवाब तैयार किए जा सकेंगे जो आपके लिए अधिक प्रासंगिक होंगे और ऐसा लगेगा कि बिल्कुल आपने ही उस जवाब को तैयार किया है। पर्सनलाइज्ड स्मार्ट जवाब इस साल के अंत में सबस्क्राइबर के लिए उपलब्ध होंगे।’पिचाई ने कहा, ‘एआई के साथ अवसरों के द्वार खुल रहे हैं। यह डेवलपर, प्रौद्योगिकी निर्माताओं और समस्या हल करने वालों पर निर्भर है कि वे इसका अधिक से अधिक लाभ उठाएं।’

First Published : May 21, 2025 | 11:16 PM IST