खेल

IPL विज्ञापन का बड़ा होगा ‘खेल’, वायकॉम 18 की बड़ी तैयारी

Published by
सुरजीत दास गुप्ता
Last Updated- March 03, 2023 | 11:21 PM IST

जब 31 मार्च को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की शुरुआत होगी तब एक अलग तरह की प्रतिस्पर्द्धा भी देखी जाएगी लेकिन यह मैदान के बाहर होगी और इसे प्रीमियर टी-20 टूर्नामेंट के 16वें सीजन को देखने वाले लाखों प्रशंसक नहीं देख पाएंगे। यह 5,000 करोड़ रुपये के आईपीएल विज्ञापन की प्रतिस्पर्द्धा है।

पिछले पांच वर्षों से डिजिटल और टेलीविजन दोनों के विज्ञापन अधिकारों के साथ डिज्नी निर्विवाद रूप से चैंपियन रहा है। इस सीजन में विज्ञापन खेल की प्रकृति नाटकीय रूप से बदल गई है क्योंकि टीवी और डिजिटल अधिकार विभिन्न संस्थाओं को जा रहे हैं।

पिछले साल जून में वायकॉम 18 ने वर्ष 2023-27 के लिए 23,758 करोड़ रुपये में आईपीएल के डिजिटल अधिकार खरीद लिए थे। वायकॉम 18 दरअसल रिलायंस और अमेरिका के मीडिया समूह वायकॉम के जेम्स मर्डोक (मीडिया क्षेत्र की दिग्गज हस्ती रूपर्ट मर्डोक के छोटे बेटे) तथा डिज्नी इंडिया के पूर्व अध्यक्ष उदय शंकर के बीच संयुक्त उद्यम वाली कंपनी है।

इसका मतलब है कि विज्ञापन की हिस्सेदारी डिज्नी-स्टार और वायकॉम 18 के बीच विभाजित है, जिसने 23,575 करोड़ रुपये में पांच साल के टीवी अधिकार बनाए रखे। वायकॉम 18 ने काफी खर्च किया है जो प्रत्येक मैच के लिहाज से करीब 50 करोड़ रुपये होते हैं। ऐसे में कोई हैरानी की बात नहीं है कि इस संयुक्त उद्यम का मकसद विज्ञापन राजस्व के खेल के नियमों को फिर से बदला जाए।

सबसे पहले, इसने टूर्नामेंट में कुल विज्ञापन खर्च का 50 प्रतिशत हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इसकी महत्त्वाकांक्षी मकसद को समझने के लिए, इस बात पर विचार करें कि डिज्नी स्टार के प्रसारण राजस्व का 80 प्रतिशत टीवी से आया जिसमें इसके ओवर-द-टॉप (ओटीटी) मंच डिज्नी+ हॉटस्टार बाकी हिस्से के लिए जिम्मेदार थे।

दूसरा, वायकॉम 18 अपने विज्ञापन आधार को लगभग चार गुना बढ़ाकर करीब 500 कंपनियों के स्तर तक ले जाना चाहती है और यह कुछ प्रमुख विज्ञापनदाताओं के साथ-साथ छोटी और मध्यम स्तर की कंपनियों (एसएमई) और क्षेत्रीय खिलाड़ियों के साथ बातचीत कर रही है।

तीसरी बात यह है कि यह डिज्नी+ हॉटस्टार के सबस्क्रिप्शन और विज्ञापनों पर आधारित स्थापित आईपीएल मॉडल को बाधित कर रहा है। आईपीएल के 15वें सीजन में, डिज़्नी स्टार के मंच डिज्नी हॉटस्टार पर 5 करोड़ से अधिक भुगतान करने वाले सबस्क्राइबर थे।

इसके विपरीत वायकॉम18 अपने ओटीटी मंच, जियो सिनेमा (जिसमें पहले से ही 10 करोड़ सक्रिय उपयोगकर्ता हैं) पर सभी मैच मुफ्त में दिखा रहा है भले ही कोई दर्शक कोई भी दूरसंचार सेवाओं का या स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहा हो। यह ओटीटी की सेवाओं से जुड़े 7.5 करोड़ टीवी घरों को भी जोड़ने की कोशिश करेगा।

वायकॉम 18 को 75 करोड़ स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं के साथ आईपीएल में 55 करोड़ रिकॉर्ड डिजिटल व्यूअरशिप हासिल करने का भरोसा है जो 2018 में सबसे अधिक 33 करोड़ था।

आलोचकों का सुझाव है कि ‘मुफ्त’ की बात ही भ्रामक है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भले ही सबस्क्रिप्शन मुफ्त हो लेकिन फिर भी दर्शकों को दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को भुगतान करना होगा, जिससे टीवी की तुलना में डिजिटल वर्जन दर्शकों के लिए काफी महंगा हो जाएगा।

उनके आकलन के आधार पर पूरे आईपीएल सीजन के दौरान टीवी देखने की लागत केवल 38 रुपये है जबकि दूरसंचार नियामक की 10 रुपये प्रति जीबी की लागत के आधार पर 10 मैचों की स्ट्रीमिंग की लागत उन लोगों के लिए 360 रुपये से 2,640 रुपये तक होगी जो 4के (या अल्ट्रा-हाई डेफिनिशन) संस्करण में मैच देखना चाहते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक मैच की स्ट्रीमिंग स्टैंडर्ड डिफिनिशन (एसडी) पर करने के लिए न्यूनतम 3.6 जीबी और 4के संस्करण के लिए इससे भी अधिक जीबी की आवश्यकता होती है।

वायकॉम 18 के सूत्रों का कहना है कि इस तरह के तर्क, दर्शकों की वास्तविक आदतों को नहीं दर्शाते हैं। उनका तर्क है कि जियो के 42.5 करोड़ ग्राहक द्वारा उपयोग किए जाने वाले विभिन्न पैकेजों में औसत दैनिक डेटा उपयोग पहले से ही एक दिन में 2 जीबी से अधिक है, जिसे दूरसंचार ग्राहकों के डेटा इस्तेमाल के लिए प्रॉक्सी के रूप में लिया जा सकता है।

यह एक मैच देखने के लिए पर्याप्त है, क्योंकि बहुत कम दर्शक एक मैच को पूरी तरह से देखते हैं और सभी हर दिन भी नहीं देखते हैं। ऐसे में एक औसत दूरसंचार ग्राहक को आईपीएल मैच देखने के लिए अतिरिक्त डेटा खरीदने की आवश्यकता नहीं हो सकती है। सभी दूरसंचार सेवाप्रदाताओं द्वारा आईपीएल सीजन के दौरान कम कीमत वाले टॉप-अप प्लान पेश करने की उम्मीद है, जिससे अतिरिक्त खर्च कम हो जाएगा।

वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि डिज़्नी स्टार के विपरीत, आईपीएल के डिजिटल अधिकारों का उपयोग दूरसंचार कंपनियों के डेटा खेल को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है।

टूर्नामेंट का इस्तेमाल ग्राहकों को 4जी से 5जी में जाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया जा सकता है, जिससे इंटरनेट की रफ्तार बढ़ेगी (वर्तमान में 4जी के समान शुल्क पर), और दूरसंचार कंपनियों के लिए प्रत्येक उपयोगकर्ता औसत राजस्व पैमाने में सुधार दिखेगा। उदाहरण के लिए, अकेले जियो ने वित्त वर्ष 2024 तक 10 करोड़ 5जी ग्राहकों का लक्ष्य रखा है।

वायकॉम 18 के विज्ञापन लक्ष्यों पर आलोचकों का कहा है कि बड़े विज्ञापनदाता भुगतान किए गए डिजिटल ग्राहकों में से केवल 10 करोड़ पर ही ध्यान केंद्रित करते हैं। मुफ्त सेवाओं से अधिक उपयोगकर्ता मिल सकते हैं जिनको लक्षित करने को लेकर विज्ञापनदाताओं की कोई दिलचस्पी नहीं हो सकती है। ऐसे में मुफ्त सेवाएं अधिक विज्ञापन दर में बदल जाएं, ऐसा नहीं हो सकता है।

वायकॉम 18 की रणनीति पर विज्ञापन एजेंसियों की अलग राय है। रीडिफ्यूजन के प्रबंध निदेशक संदीप गोयल ने कहा, ‘आईपीएल के दौरान टीवी प्रसारण पर 2,800-3,000 सेकंड की तुलना में डिजिटल मंच पर दोगुना लाभ है। इसके अलावा, डिजिटल पर, कस्टमाइज लक्ष्य तैयार करना संभव है। अगर वायकॉम 18 में ग्राहकों का प्रोफाइल तैयार करने की क्षमता है तब एक अलग मॉडल लॉन्च किया जा सकता है और इसके सफल होने की अधिक संभावना होगी। इसी वजह से विज्ञापनदाताओं की संख्या 500-700 तक हो सकती है।’

विज्ञापनदाताओं को भी एक स्पष्ट बदलाव दिख रहा है। एक प्रमुख एफएमसीजी कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘शहरी बाजारों में दर्शकों की संख्या, तेजी से डिजिटल की ओर बढ़ी है क्योंकि अधिक लोग मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह ग्राहक प्रोफाइल के मामले में भी सस्ता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम टीवी पर अपना पैसा नहीं लगाएंगे।’

निश्चित रूप से दर्शकों की संख्या और खर्च दोनों के मामले में टीवी का आकर्षण कम हो रहा है। वर्ष 2022 में कुल डिजिटल विज्ञापन ने पहली बार टीवी को पीछे छोड़ते हुए 34,500 करोड़ रुपये के आंकड़े को छू लिया जो 30,000 करोड़ रुपये के स्तर पर खत्म हुआ।

यह रुझान बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि डिजिटल विज्ञापन में इस साल 6-7 प्रतिशत की तुलना में 25 प्रतिशत (हालांकि छोटे आधार पर) वृद्धि की उम्मीद है।

हालांकि अब भी करीब 10.8 करोड़ परिवार टीवी देखते हैं जो संख्या 2019 में कोविड से पहले 13.3 करोड़ थी। लेकिन यह भी संभव है कि यह आंकड़ा अस्थायी हो सकता है, क्योंकि कई फ्री-टू-एयर टीवी वाले परिवार भुगतान वाली सेवाएं ले सकते हैं जबकि कुछ मोबाइल देख सकते हैं।

वर्ष 2021 में आईपीएल के टीवी दर्शकों की संख्या 40.5 करोड़ से घटकर वर्ष 2022 में लगभग 36 करोड़ हो गई है। डिज़्नी स्टार के सूत्रों ने कहा कि यह आईपीएल से ऊब के कारण भी हुआ था क्योंकि टूर्नामेंट का 15वां संस्करण 14वें संस्करण के ठीक छह महीने बाद हुआ था। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आगामी आईपीएल में टीवी पर दर्शकों की संख्या 50 करोड़ तक पहुंच जाएगी, जो वायकॉम 18 के लक्ष्य के अनुरूप ही है।

इसलिए आईपीएल में विज्ञापन को लेकर रेखाएं स्पष्ट रूप से खींची गई हैं। एक टीवी प्रसारणकर्ता ने स्वीकार किया कि इस प्रतिस्पर्द्धा का नतीजा यह होगा कि विज्ञापनदाता बेहतर सौदा कर पाएंगे और उपभोक्ता शिकायत नहीं करेंगे।

First Published : March 3, 2023 | 11:21 PM IST