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एक कदम आगे बढ़ने को तैयार टेक्नॉलजी, साल 2023 में होंगे ये बड़े टेक डेवलपमेंट

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ख़ालिद अंज़ार
Last Updated- December 28, 2022 | 10:13 AM IST

तकनीकी विकास की बात करें तो साल 2022 कई बड़े तकनीकी विकासों की नींव रखने वाला साल रहा। इस साल कई बड़े तकनीकी अपडेट्स की नींव रखी गई जो कि साल 2023 और 2024 में समग्र रूप से हमारे सामने होंगी।
यूरोपियन यूनियन के सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस के लिए USB Type-C पोर्ट को कॉमन चार्जिंग पोर्ट बनाने के ऐतिहासिक फैसले से लेकर हार्डवेयर रे ट्रेसिंग (hardware ray tracing) सपोर्ट वाली मोबाइल चिप के लॉन्च तक, ये साल कंज्यूमर टेक के लिए अहम रहा।

भारत के लिहाज से देखें तो साल 2023 में इन बड़े टेक डेवलपमेंट पर रहेगी नजर-

सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए कॉमन चार्जिंग पोर्ट

यूरोपियन यूनियन के फैसले के बाद, भारत भी कॉमन चार्जिंग पोर्ट को लेकर सजग है। सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए एक भी तरह के चार्जिंग पोर्ट बनाने के फैसले से कंज्यूमर के आसानी होगी साथ ही देश में जमा हो रहे भारी मात्रा में ई-वेस्ट से निपटने में भी सहायक होगा।

हालांकि भारत में इसे लेकर भारत सरकार का मत थोड़ा अलग है। भारत में हर तरह के डिवाइस के लिए एक ही कॉमन चार्जर की जगह इसे दो अलग प्रकार के चार्जर पर जोर है। एक, सभी तरह के पोर्टेबल डिवाइस जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप और टैबलेट वहीं दूसरा, फीचर फोन के लिए, जो कि पहले से बाजार में मौजूद हैं और बाजार में मजबूत हिस्सेदारी है।

इस बारे में केंद्र सरकार द्वारा गठित अंतर-मंत्रालयी टास्क फोर्स (inter-ministerial task force) और स्टेकहोल्डर्स के बीच लगातार विचार-विमर्श होता रहा है। अगले साल तक, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक सामान्य चार्जिंग पोर्ट पर निर्णय होने की संभावना है।

राइट टू रिपेयर

एक और फ्रेमवर्क, जिसका पर्यावरण और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ेगा, वह है ‘राइट टू रिपेयर’। कुछ मैन्यूफैक्टरर्स अपने प्रोडक्ट के रिपेयर के लिए कई प्रतिबंधात्मक नीतियां (Restrictive policies) रखते हैं, जिसके चलते उपभोक्ता को अगर किसी प्रोडक्ट में रिपेयरिंग की जरूरत हो तो उन्हें मैन्युफैक्चरर या उनके सर्विस पार्टनर के पास ही जाना मजबूरी हो जाता है, खास तौर पर तब जब कंज्यूमर को वारंटी का लाभ उठाना हो।

मरम्मत का अधिकार (Right to Repair) इस अनिवार्यता को खत्म करने में मददगार होगा जिससे कि लोग अपने प्रोडक्ट्स- जैसे कि स्मार्टफोन, लैपटॉप, कार और रेफ्रिजरेटर – को बिना वारंटी खोए अपनी सुविधा के अनुसार कहीं से भी ठीक करवा सकेंगे। इस अधिकार को अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ सहित कई देशों में मान्यता दी गई है, लेकिन भारत में इसे लेकर चर्चा इसी साल ही शुरू हुई है।

मरम्मत के अधिकार पर एक व्यापक ढांचा विकसित करने के लिए इस साल हुई पहली बैठक में, एक सरकारी समिति ने इसे लागू करने के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान की। इनमें खेती के उपकरण, मोबाइल फोन, टैबलेट, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑटोमोबाइल/ऑटोमोबाइल उपकरण शामिल हैं। अगले साल तक, राइट टू रिपेयर फ्रेमवर्क के भारत में आने की संभावना है।

5जी

साल 2022 5जी सेवा के लिए महत्वपूर्ण रहा। ये नेक्स्ट जनरेशन नेटवर्क देश के और अधिक शहरों और कस्बों में उपलब्ध होगा, और इसे मेनस्ट्रीम बनाने के बाजार में एंट्री-लेवल स्मार्टफोन सहित सभी प्राइस बैंड में डिवाइस उपलब्ध होंगे।

साथ ही, 5G से लैस रोबोटिक्स, क्लाउड कंप्यूटिंग और क्लाउड गेमिंग, जिनका लॉन्च से पहले परीक्षण और प्रदर्शन किया गया था – वे सभी डिवाइस व्यावसायिक रूप से रोल आउट हो सकते हैं। साथ ही में, 5G टैरिफ योजनाओं पर दूरसंचार कंपनियों की ओर से भी कुछ स्पष्टता मिलेगी।

सुपर ऐप इकोसिस्टम

एक सुपर ऐप के जरिए कई अलग-अलग व्यवसायों को एक ही प्लेटफार्म मिलेगा। हालांकि इस तरह के ऐप चीन में आम हैं और अब दुनिया भर में इन ऐप्स को लेकर दिलचस्पी देखी जा रही है।

भारत में, टाटा समूह ने आधिकारिक तौर पर इस साल Tata Neu नाम से अपना सुपर ऐप शुरू किया। अगले साल, देश में सुपर ऐप इकोसिस्टम को एशिया के सबसे अमीर टाइकून, गौतम अदाणी सहित और भी बड़े ब्रांड अपनाने को तैयार है। अदाणी द्वारा इसे “the Ferrari of the digital world” के रूप में पेश किया गया, सुपर ऐप अगले साल की पहली छमाही में शुरू हो सकता है। 2023 में रिलायंस रिटेल का MyJio, और पेटीएम भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं।

मोबाइल फोन के लिए रे ट्रेसिंग (Ray Tracing)

रे ट्रेसिंग (Ray tracing) एक इमेज-रेंडरिंग तकनीक है जो गेमिंग के अनुभव को लाइफ इफेक्ट के चलते और रियलिस्टिक बनाती है। इस तकनीक के लिए महत्वपूर्ण कंप्यूटिंग संसाधनों की आवश्यकता होती है; इसलिए, यह अब तक गेमिंग कंसोल और कंप्यूटर तक ही सीमित है।

मोबाइल चिप्स में प्रगति के साथ, रे ट्रेसिंग तकनीक अब क्वालकॉम, मीडियाटेक और सैमसंग से प्रीमियम मोबाइल चिप्स में हार्डवेयर स्तर पर उपलब्ध है। यानी कि अब मोबाइल गेम डेवलपर अब मोबाइल फोन के लिए गेम बनाते समय इस न्यू-ऐज टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर मोबाइल यूजर्स के लिए गेमिंग एक्सपीरियंस को और अधिक रियलिस्टिक बना पाएंगे।

 

First Published : December 26, 2022 | 3:48 PM IST