सबने पहना विकास का हार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 10, 2022 | 6:52 PM IST

देश की राजनीति का केंद्र कहे जाने वाले बिहार में पहली बार ऐसा हुआ है कि विकास को चुनावी मुद्दा बनाया जा रहा है।
15 साल तक बिहार की सत्ता संभालने वाले लालू प्रसाद जहां पहले के चुनावों में सोशल इंजीनियरिंग की बात करते थे, वहीं आगामी लोकसभा चुनाव के लिए हर जनसभा में अपने किए गए कामों को गिना रहे हैं।
बीते 27 फरवरी को पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने 36 हजार किलोमीटर सड़कों के निर्माण का एक साथ शिलान्यास और उद्धाटन किया। साथ ही उन्होंने अंतरिम रेल बजट में घोषित भागलपुर रेल मंडल का उद्धाटन भी 1 मार्च को कर दिया।
लालू प्रसाद इन मौकों पर राज्य सरकार को कोसना भी नहीं भूलते। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार प्रदेश के विकास के लिए कई योजना मद में भारी राशि दी गई है मगर उनका प्रदेश की सरकार उपयोग नहीं कर पा रही है।
उधर राज्य सरकार भी अपने कार्यों को ही चुनावी मुद्दा बनाने के मूड में है। 26 फरवरी को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 2009-20 के लिए 47,446 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसमें 16,000 करोड़ योजना मद में तथा 28,020 करोड़ गैर योजना मद में खर्च करने की बात कही गई है।
चुनावों को देखते हुए इस बजट में जेंडर बजटिंग के तहत महिलाओं पर 5,293 करोड़ खर्च करने, ग्रामीण सड़कों पर कुल बजट का 25 प्रतिशत खर्च करने का प्रावधान रखा। इसके अलावा लखीसराय, डिहरी, कटिहार, बेतिया, अररिया और अस्थावा में पालिटेक्निक खोलने की घोषणा की।
महादलित और पिछड़ों के कल्याण के लिए विशेष योजनाएं चलाने की भी घोषणा की गई।  28 फरवरी को मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित सुपौल के छातापुर के सुरपतसिंह उच्च विद्यालत के मैदान में 403 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास और उद्धाटन किया।
उन्होंने बाढ़ प्रभावितों के बीच गृहक्षति अनुदान, कृषि इनपुट अनुदान तथा भूमि क्षति अनुदान का भी शुभारंभ किया। नीतीश कुमार का कहना है कि हमारा चुनावी मुद्दा विकास और केंद्र द्वारा बिहार की उपेक्षा ही रहेगा।
सड़कों के निर्माण का मोर्चा संभाल रहे पथ निर्माण मंत्री डॉ प्रेम कुमार जहां नए वित्तीय वर्ष में एसएसडीपी फेज 2 में 755 करोड़ रुपये की योजना लेकर आए हैं, वहीं उनका कहना है कि केंद्र सरकार एनडीए की पूर्व केंद्र सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लिए धन देने में कोताही बरत रही है।
पहली बार विकास बना चुनावी मुद्दा
लालू प्रसाद गिना रहे हैं पुराने काम
नीतीश ने लगाया केंद्र पर आरोप
मौजूदा बजट से लुभाने की कोशिश

First Published : March 4, 2009 | 4:06 PM IST