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ITR Filing 2025: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एसेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म ITR-5 को 1 मई 2025 को अधिसूचित कर दिया है। यह बदलाव वित्त अधिनियम 2024 में किए गए संशोधनों के आधार पर किए गए हैं।
इससे पहले, आयकर विभाग ने 29 अप्रैल को ITR-1 और ITR-4 और 30 अप्रैल को ITR-3 फॉर्म को अधिसूचित किया था। साथ ही, ऐसे व्यक्ति जिनकी लिस्टेड इक्विटी से होने वाली लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) ₹1.25 लाख तक है, उनके लिए रिटर्न फाइल करना अब और आसान बना दिया गया है।
ITR-5 फॉर्म में किए गए मुख्य बदलाव:
🔹 कैपिटल गेन की जानकारी दो हिस्सों में देनी होगी – अब 23 जुलाई 2024 से पहले और उसके बाद हुई पूंजीगत आय को अलग-अलग दिखाना होगा (Finance Act 2024 के अनुसार)।
🔹 शेयर बायबैक पर नुकसान को मान्यता – यदि टैक्सपेयर्स ने संबंधित डिविडेंड इनकम को ‘अन्य स्रोतों से आय’ में दिखाया है (1 अक्टूबर 2024 के बाद), तो ऐसे बायबैक पर हुआ कैपिटल लॉस क्लेम किया जा सकता है।
🔹 क्रूज व्यवसाय से जुड़ी धारा 44BBC जोड़ी गई – इस नए सेक्टर को भी अब फॉर्म में शामिल किया गया है।
🔹 TDS सेक्शन कोड की जानकारी अनिवार्य – शेड्यूल-TDS में अब संबंधित टीडीएस सेक्शन कोड का भी उल्लेख करना होगा।
यह बदलाव खासकर फर्म, एलएलपी (LLP), एओपी (AOP) आदि जैसी इकाइयों के लिए जरूरी हैं जो ITR-5 के जरिए रिटर्न दाखिल करती हैं।
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आईटीआर-5 किसके लिए है और फाइलिंग कब से शुरू होगी? जानिए जरूरी जानकारी
आकलन वर्ष 2025-26 (वित्त वर्ष 2024-25) के लिए आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है। आयकर विभाग ने ITR-1, ITR-3, ITR-4 और ITR-5 फॉर्म पहले ही अधिसूचित कर दिए हैं। उम्मीद की जा रही है कि ITR फाइलिंग की शुरुआत अगले हफ्ते से हो जाएगी।
ITR-5 फॉर्म उन इकाइयों के लिए है जो व्यक्ति या कंपनी नहीं हैं। इसका इस्तेमाल निम्नलिखित करदाता कर सकते हैं:
लेकिन यह फॉर्म व्यक्तियों (Individuals), हिंदू अविभाजित परिवारों (HUFs), कंपनियों और ITR-7 भरने वाले (जैसे धार्मिक या चैरिटेबल ट्रस्ट) करदाताओं के लिए नहीं है।
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डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सामान्य मार्गदर्शन के लिए है। रिटर्न फाइल करने से पहले कर विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। नियम समय-समय पर बदल सकते हैं।