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Energy Stocks पर ग्लोबल ब्रोकरेज ने जारी की नई रेटिंग और टारगेट, कहा- ₹1,902 तक जाएगा भाव!

Waaree और Premier Energies को झटका! Bernstein की चेतावनी, शेयरों में गिरावट की आशंका

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तन्मय तिवारी   
Last Updated- April 02, 2025 | 6:17 PM IST

विदेशी ब्रोकरेज फर्म Bernstein ने Waaree Energies और Premier Energies पर निगेटिव रेटिंग जारी की है, जिससे निवेशकों को बड़ा झटका लगा है। रिपोर्ट में दोनों कंपनियों को ‘Underperform’ रेटिंग दी गई है, जिसका मतलब है कि इनके शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है। Bernstein ने Waaree Energies के लिए ₹1,902 और Premier Energies के लिए ₹693 का टारगेट प्राइस तय किया है, जो मौजूदा कीमत से 21% और 26% कम है।

भारत में सोलर सेक्टर का बढ़ता दायरा, लेकिन Bernstein ने जताई चिंता

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सोलर बाजार है और यहां सरकार हर साल $20 अरब (₹1.67 लाख करोड़) के निवेश के जरिए सोलर इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है। हालांकि, Bernstein के विश्लेषकों का मानना है कि इस सेक्टर में कई जोखिम हैं, जो कंपनियों के भविष्य को प्रभावित कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में बने सोलर प्रोडक्ट्स की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर से 2-3 गुना ज्यादा हैं, जिससे इनका कंपटीशन कमजोर पड़ सकता है। इसके अलावा, इस उद्योग में प्रवेश की बाधाएं कम हैं, जिससे नए प्लेयर्स का आना आसान हो जाता है और बाजार में कंपटीशन तेज हो सकता है।

सोलर इंडस्ट्री में गिरावट की आशंका, FY27 के बाद कमजोर हो सकते हैं रिटर्न

Bernstein के विश्लेषकों निखिल निगानिया और अमन जैन का कहना है कि सोलर इंडस्ट्री इस समय अपने उच्चतम चक्र पर है और आगे चलकर इसमें गिरावट देखने को मिल सकती है। उनका मानना है कि फिलहाल कंपनियों के मुनाफे अच्छे हैं, लेकिन FY27 के बाद स्थिति बदल सकती है, क्योंकि उस समय तक नई प्रोडक्शन यूनिट शुरू हो जाएंगी और बाजार में अधिक सप्लाई हो जाएगी।

विश्लेषकों ने Waaree और Premier के लिए FY27 के बाद कमाई में गिरावट की भविष्यवाणी की है और उनका मानना है कि निवेशकों को इस समय इन शेयरों में निवेश से बचना चाहिए। Bernstein के मुताबिक, कंपनियों के वैल्यूएशन को FY27 के EV/Ebitda के आधार पर आंका गया है, जिससे Waaree की वैल्यू $6 बिलियन और Premier की $4 बिलियन आंकी गई है।

भारत में बढ़ती सोलर सप्लाई, लेकिन मांग से ज्यादा उत्पादन बन सकता है समस्या

Bernstein की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आने वाले वर्षों में सोलर मॉड्यूल्स की सप्लाई, मांग से कहीं ज्यादा हो सकती है। देश में FY26 तक 40 GW की सोलर मॉड्यूल की मांग रहेगी, जबकि घरेलू उत्पादन क्षमता 70 GW से ज्यादा हो चुकी है और कई नई प्रोडक्शन यूनिट भी जल्द ही शुरू होने वाली हैं।

इसी तरह, सोलर सेल उत्पादन भी FY27 तक 60 GW तक पहुंच सकता है, जबकि मार्च 2025 तक यह 21 GW होगा। इस तेजी से बढ़ती सप्लाई के चलते छोटे प्लेयर्स, खासकर Waaree Energies और Premier Energies के लिए बाजार में टिके रहना मुश्किल हो सकता है।

अमेरिकी बाजार से बढ़ा एक्सपोर्ट, लेकिन कब तक रहेगा मुनाफा?

Bernstein ने यह भी बताया कि भारत के सोलर एक्सपोर्ट्स में हाल ही में जबरदस्त उछाल आया है। FY22 में यह केवल $0.1 अरब था, जो FY24 में बढ़कर $2 अरब हो गया। इसका मुख्य कारण अमेरिका का चीन से सोलर मॉड्यूल आयात कम करना है। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि यह रुझान ज्यादा समय तक नहीं टिकेगा। अमेरिका में सोलर मैन्युफैक्चरिंग तेजी से बढ़ रही है, जहां 52 GW की उत्पादन क्षमता पहले से मौजूद है और 19 GW और निर्माणाधीन है। 2025 में अमेरिका की अनुमानित मांग 54 GW होगी, जिससे भारतीय कंपनियों को वहां अपनी जगह बनाए रखना मुश्किल हो सकता है।

बड़ी कंपनियों के बीच टिक पाएंगे Waaree और Premier?

Bernstein ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भविष्य में भारतीय सोलर एक्सपोर्ट्स पर Reliance और Adani Enterprises जैसे बड़े उद्योगपतियों का दबदबा रहेगा। ये कंपनियां वित्तीय रूप से मजबूत हैं और बड़े स्तर पर कंपटीशन करने में सक्षम हैं। Waaree Energies कुछ हद तक इन कंपनियों को टक्कर दे सकती है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि बड़ी कंपनियों के सामने Waaree और Premier की ग्रोथ सीमित हो सकती है। Bernstein का अनुमान है कि इन कंपनियों का रिटर्न 40% से गिरकर 15-20% तक आ सकता है।

30 साल की वारंटी भी बनी चिंता का विषय

Bernstein ने यह भी चिंता जताई है कि Waaree और Premier Energies 30 साल की परफॉर्मेंस वारंटी दे रही हैं, लेकिन इनकी साख पर सवाल उठ सकता है। क्योंकि इन कंपनियों ने अब तक इतने लंबे समय तक अपने उत्पादों का परीक्षण नहीं किया है। इससे निवेशकों को नुकसान हो सकता है, खासकर अगर भविष्य में कंपनियां इस वारंटी को पूरा करने में असफल रहती हैं।

क्या निवेशकों को इन शेयरों से दूर रहना चाहिए?

Bernstein की रिपोर्ट से साफ है कि Waaree Energies और Premier Energies के लिए आगे की राह आसान नहीं होगी। बाजार में तेजी से बढ़ती सप्लाई, अमेरिका में बढ़ता कंपटीशन और भारतीय बाजार में Reliance और Adani जैसी बड़ी कंपनियों के दबदबे से इन कंपनियों के शेयरों में गिरावट की आशंका है।

First Published : April 2, 2025 | 6:11 PM IST