शेयर बाजार

मिडकैप, स्मॉलकैप शेयरों की चाल में आएगा बदलाव

Published by
पुनीत वाधवा
Last Updated- April 27, 2023 | 11:14 PM IST

मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने वित्त वर्ष 2024 में अब तक अपने लार्जकैप प्रतिस्प​र्धियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। जहां बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक वित्त वर्ष 2024 में अब तक करीब 6.3 प्रतिशत मजबूत हुआ है, वहीं बीएसई मिडकैप सूचकांक में इस अव​धि के दौरान 4.6 प्रतिशत की तेजी आई है। तुलनात्मक तौर पर बीएसई का सेंसेक्स करीब 2.6 प्रतिशत चढ़ा है।

शेयर बाजारों पर मिडकैप और स्मॉलकैप के प्रदर्शन में बदलाव वित्त वर्ष 2023 की कमजोरी के बाद आया है। वित्त वर्ष 2023 में इन दोनों सेगमेंटों ने बीएसई पर अपने लार्जकैप प्रतिस्प​र्धियों के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया था। वित्त वर्ष 2023 का समापन बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक के लिए 4.5 प्रतिशत नुकसान के साथ हुआ, जबकि बीएसई मिडकैप सूचकांक में 0.2 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई। तुलनात्मक तौर पर, सेंसेक्स में वित्त वर्ष 2023 के दौरान 0.7 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई।

इ​क्विनोमिक्स रिसर्च ऐंड एडवायजरी के संस्थापक एवं शोध प्रमुख जी चोकालिंगम के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में मिडकैप और स्मॉलकैप में भारी गिरावट आई और अब इन सेगमेंटों में ज्यादातर शेयरों का मूल्यांकन आकर्षक हो गया है। इसकी वजह से निवेशक लार्जकैप की तुलना में मिडकैप और स्मॉलकैप को पसंद कर रहे हैं।

चोकालिंगम का कहना है, ‘मेरी राय में, वित्त वर्ष 2023 में कमजोरी के बाद वित्त वर्ष 2024 मिडकैप और स्मॉलकैप का वर्ष रहेगा। छोटे निवेशक अब धीरे धीरे पूरे बाजार पर सकारात्मक नजरिया अपना रहे हैं और उनकी मुख्य पसंद ये दो सेगमेंट हैं। कुछ मामलों में मूल्यांकन भी काफी आकर्षक बन गया है। मेरा मानना है कि

मध्याव​धि से दीर्घाव​धि नजरिये से मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंटों से अच्छे शेयरों का चयन करने का समय आ गया है।’

जियोजित फाइनैं​शियल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौरांग शाह के अनुसार, मिडकैप और स्मॉलकैप में ताजा तेजी को इन सेगमेंटों में कुछ फंड हाउसों द्वारा की गई खरीदारी से मदद मिली है। हालांकि उन्होंने निवेशकों को सतर्क बने रहने और इन दो सेगमेंट से शेयरों की बहुत ज्यादा खरीदारी नहीं करने का सुझाव दिया है।

उन्होंने कहा, ‘निवेशकों को मिडकैप और स्मॉलकैप के संदर्भ में सतर्क बने रहने की जरूरत होगी। ताजा मजबूत प्रदर्शन बरकरार रखे जाने की जरूरत होगी और इसे आय में सुधार से मदद मिलेगी। आप मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंटों के प्रदर्शन को लेकर एक जैसा नजरिया नहीं अपना सकते। इसके बजाय इनमें अच्छा और कमजोर प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों पर नजर बनाए रखना जरूरी होगा। यदि आप मिडकैप और स्मॉलकैप में ही निवेश करना चाहते हैं तो मैं इसके लिए क्षेत्र-केंद्रित और शेयर-केंद्रित दृ​ष्टिकोण अपनाने का सुझाव देना चाहता हूं।’

आईसीआईसीआई सिक्यो. की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि बाजार पूंजीकरण फंडों की श्रेणी में म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो से आंकड़ों से संकेत मिलता है कि मिडकैप और स्मॉलकैप फंडों द्वारा खरीदारी लार्जकैप फंडों के मुकाबले ज्यादा रही है। अनुमान है कि मार्च 2023 में स्मॉलकैप फंड श्रेणी में 2,726 करोड़ रुपये और मिडकैप फंड श्रेणी में 2,890 करोड़ रुपये का पूंजी प्रवाह दर्ज किया गया। वहीं लार्जकैप फंड श्रेणी में यह प्रवाह 1,020 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इस बीच, अगले कुछ सप्ताहों में फेड की पॉलिसी और उसके परिणाम, मॉनसून से संबं​धित आगामी अनुमान और मार्च तिमाही के नतीजों पर नजर रखे जाने की जरूरत होगी।

First Published : April 27, 2023 | 11:14 PM IST