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निवेश सलाहकारों, विश्लेषकों के लिए मानक नरम करेगा सेबी

निवेशकों को जोड़ने और वित्तीय इनफ्लुएंसर गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए सेबी प्रस्ताव पेश करेगा

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- August 02, 2024 | 10:49 PM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) जल्द ही पंजीकृत निवेश सलाहकारों और शोध विश्लेषकों के लिए मानकों में ढील देने के लिए प्रस्ताव लाएगा। बाजार नियामक चाहता है कि औपचारिक विकल्प के जरिये ज्यादा संख्या में निवेशकों को जोड़ा जाए और वित्तीय इनफ्लुएंसर से जुड़ी गतिविधियों को नियंत्रित किया जाए।

सेबी के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश वार्ष्णेय ने शुक्रवार को कहा कि अगले सप्ताह के शुरू में प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नियामक उन निवेशकों के लिए स्थिति स्पष्ट रखने के लिए एक ‘स्पेसिफाइड डिजिटल प्लेटफॉर्म’भी तैयार करेगा, जो पंजीकृत हैं और इससे भुगतान एवं लेनदेन के लिए राह आसान होगी।

उद्योग के अनुमानों के अनुसार, मौजूदा समय में 1,300 से ज्यादा पंजीकृत निवेश सलाहकार हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 300 ही एसोसिएशन ऑफ आरआईए (एआरआईए) के सदस्य हैं। बाजार नियामक ने पहले अपनी पंजीकृत संस्थाओं को फिनफ्लुएंसर सहित किसी भी ‘अपंजीकृत’ संस्था के साथ साझेदारी या सहयोग करने से रोक दिया था। इसका मतलब यह था कि ब्रोकर और म्युचुअल फंड से फिनफ्लुएंसर को मिलने वाले रेफरल और स्पॉन्सरशिप पर अंकुश लगा दिया गया। सेबी ने गैर-पंजीकृत संस्थाओं को भी चेतावनी दी है कि वे नियामक के साथ औपचारिक पंजीकरण के बिना कोई भी सलाह या सिफारिश न दें।

पंजीकृत निवेश सलाहकारों का मानना है कि सलाहकारों के लिए मौजूदा हालात चुनौतीपूर्ण हैं, क्योंकि पहले तो इसमें उतरना ही काफी कठिन है और फिर पंजीकरण को वैध बनाए रखने के लिए हर तीन वर्ष में दो परीक्षाएं पास करना अनिवार्य है।

इसके अलावा, अनुपालन जरूरतों के कारण सलाह देने का काम बहुत कठिन हो गया है। सलाहकारों ने नियामक के समक्ष अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। सेबी के प्रस्तावों का मकसद कारोबार में प्रवेश संबंधित शुरुआती बाधाओं को दूर करना है।

अपने पंजीकरण को बरकरार रखने के लिए आरआईए को एनआईएसएम सीरीज-एक्स –ए और एक्स-बी प्रमाणन (लेवल 1 और लेवल 2) पाने की जरूरत होती है, जिसे हर तीन साल में अपडेट कराना होता है। पूंजी बाजार के मुद्दे पर फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए वार्ष्णेय ने निवेशक जागरूकता बढ़ाने के उपायों पर भी जोर दिया।

First Published : August 2, 2024 | 10:49 PM IST