आखिरकार सिटीग्रुप इंक ने अपने वित्तीय हालात को सुधारने के लिए सही दिशा में कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं।
बैंक अपोलो मैनेजमेंट, ब्लैकस्टोन ग्रुप और टीपीजी इंक से अपने 12 अरब डॉलर को बेचने की बात कर रहा है। यह मशक्कत बैंक की बिगड़ी हुई बैलेंस शीट को सुधारने के लिए की जा रही है।
ऋण को बेचने को लेकर वार्ता का दौर जारी है और मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने नाम गुप्त रखे जाने की शर्त पर बताया कि निजी इकाइयों को कर्ज बेचने से बैंक को आगे संबंधित क्षेत्र में नुकसान नहीं होगा। इस व्यक्ति ने सूचना दी कि सिटीग्रुप अगले हफ्ते तक इन ऋणों को तीनों इकाइयों को बेच सकता है क्योंकि अगले हफ्ते ही बैंक अपनी तिमाही के नतीजे घोषित करने वाली है।
विश्लेषकों का अनुमान है कि बैंक को इस दौरान 4.7 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हो सकता है। बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विक्रम पंडित की योजना जोखिम वाले ऋणों को बेचकर पूंजी बढ़ाने की है। न्यू यॉर्क शेयर बाजारों में इस वर्ष कंपनी के शेयरों में 19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है जिससे उसे 24 अरब डॉलर का नुकसान और होने की आशंका है।
न्यू यॉर्क में स्मिथ एसेट मैनेजमेंट के पोर्टफोलियो प्रबंधक विलियम बी स्मिथ का कहना है कि इन ऋणों पर राइटडाउन से आम निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। वर्ष 2007 के आखिर में सिटीग्रुप की कुल संपत्ति 22 खरब डालर के लगभग थी जो किसी भी अमेरिकी बैंक से अधिक है।
हालांकि इस कर्ज को बेचने के बारे में सिटीग्रुप की प्रवक्ता डैनियल नूनम ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, वहीं अपोलो, ब्लैकस्टोन और टीजीपी के प्रवक्ताओं ने इस विषय से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। पिछले वर्ष मॉर्गेज बांड्स पर हुए नुकसान की वजह से लेवरेज्ड ऋण बाजार सुस्त पड़ने लगा था।
लेवरेज्ड ऋण उन वित्तीय संस्थानों को दिया जाता है जिनकी साख बाजार में बहुत अच्छी नहीं होती है। कुल मिलाकर कह सकते हैं कि इन ऋणों में डिफॉल्ट का खतरा सबसे अधिक होता है। न्यू यॉर्क स्थित क्रेडिट साइट्स के विश्लेषक क्रिस टैगर्ट का कहना है कि इस करार से 200 अरब डॉलर के अनबिके कर्ज को ढीला करने में सहूलियत हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बाजार में बड़े लेनदारों के प्रवेश को देखते हुए अनुमान लगाया जा सकता है कि ऋण की ब्याज दरें बढ़ सकती हैं।
सिटीग्रुप डिसकाउंट रेट पर इस ऋण को बेचने का मन बना रही है और ऋण की मांग आने वाले समय में बढ़ जाती है और लेनदार ऊंची ब्याज दर पर ऋण लेने को तैयार हो जाते हैं तो निश्चित तौर पर अपोलो, ब्लैकस्टोन और टीजीपी को मुनाफा हो सकता है।
अपोलोमैनेजमेंट, ब्लैकस्टोन ग्रुप और टीपीजी इंक, तीन वित्तीय कंपनियों से चल रही है कर्ज को बचने की बात।
सिटीग्रुप 12 अरब डॉलर का कर्ज बेचकर सुधारेगा बैलेंस शीट की तस्वीर को जो अभी नुकसान दिखा रही है।
इस वर्ष सिटीग्रुप के शेयरों में 19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे हो सकता है 24 अरब डॉलर का नुकसान।
अगर ऋणों की मांग बढ़ती है तो बहुत हद तक संभव है कि तीनों निजी कंपनियों को इस ऋण को खरीदकर फायदा होगा।